सीक्रेट सर्विस अधिकारियों ने बढ़ाई Donald Trump की सुरक्षा, जानें क्यों लिया गया यह फैसला

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Donald Trump: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान से धमकी मिलने के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बता दें, डोनाल्‍ड ट्रंप पर हुए फायरिंग मामले की जांच देश की संघीय जांच एजेंसी कर रही है. इसी बीच, सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों के हवाले से आई है कि पेन्सिलवेनिया में गोली लगने की घटना के बाद ट्रंप की सुरक्षा का खास बंदोबस्त किया जा रहा है. हालांकि, ईरान से मिली धमकियों और शनिवार को उन्हें गोली मारे जाने की घटनाओं के बीच कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है.

हफ्तों पहले मिली खुफिया जानकारी

एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी खुफिया विभाग के अधिकारियों को डोनाल्ड ट्रम्प को मारने की ईरानी साजिश के बारे में पेन्सिलवेनिया गोलीकांड से हफ्तों पहले गोपनीय जानकारी मिल गई थी. इसी कारण उनकी सुरक्षा कड़ी की गई. अधिकारियों ने बताया कि इस ईरानी साजिश और शनिवार को पेन्सिलवेनिया में ट्रंप की हत्या का प्रयास करने वाले 20 वर्षीय व्यक्ति के बीच फिलहाल कोई लिंक सामने नहीं आया है. इस खतरे के बारे में खुफिया विभाग ने अमेरिकी सीक्रेट सर्विस और डोनाल्‍ड ट्रंप के चुनावी अभियान से जुड़े लोगों को कथित ईरानी साजिश बारे में बताया गया था.

खतरों को गंभीरता से लेती है सीक्रेट सर्विस

वहीं, यूएस सीक्रेट सर्विस के प्रवक्ता एंथनी गुग्लिल्मी ने कहा कि अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां खतरे की आशंका को लेकर लगातार नई जानकारी प्राप्त कर रही थीं. सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कार्रवाई भी की जा रही थी. गुग्लिल्मी ने खतरे की किसी विशिष्ट धारा पर टिप्पणी करने से इनकार कर कहा, यूएस सीक्रेट सर्विस खतरों को गंभीरता से लेती है और उसी के अनुसार जवाब भी देती है.

ईरान ने खबरों को किया खारिज

इसी बीच संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन ने धमकी/हमले की साजिश वाली खबरों को ‘निराधार और दुर्भावनापूर्ण’ बताते हुए खारिज कर दिया. ईरान ने कहा, ट्रंप एक अपराधी हैं, जिनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए. कानूनी कार्यवाही का पालन करते हुए अदालत में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को दंडित किया जाना चाहिए.

ट्रंप के कार्यकाल में हुआ था ड्रोन हमला

साल 2020 के ड्रोन हमले के बाद से ट्रंप के कार्यकाल में तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को ईरान से धमकियों का सामना करना पड़ा. बता दें, इराक में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के कुद्स बल के नेता कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी.

यह भी पढ़े: Bihar Crime: बिहार में अब ट्रिपल मर्डर, सारण में परिवार के तीन लोगों की हत्या, महिला गंभीर

More Articles Like This

Exit mobile version