अमेरिका में एफबीआई निदेशक के रूप में काश पटेल के नाम की पुष्टि के लिए 30 जनवरी को होगी सुनवाई

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Senate Hearing: काश पटेल 30 जनवरी को अमेरिकी सीनेट समिति के समक्ष एफबीआई निदेशक के रूप में अपनी पुष्टि की सुनवाई के लिए पेश होंगे. काश पटेल के इस महत्वपूर्ण नामांकन से भारतीय-अमेरिकी समुदाय में काफी उत्‍साह का माहौल है. क्‍योंकि यदि समिति के द्वारा उनका नाम मंजूर कर दिया जाता है, तो वो अमेरिका के सबसे शक्तिशाली जांच एजेंसी का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय अमेरिकी बनेंगे.

बता दें कि 44 वर्षीय काश पटेल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी शख्सियत रहे हैं. उन्‍होंने अपने करियर की शुरुआत संघीय अभियोजक के रूप में की थी. साथ ही वो डोनाल्‍ड ट्रंप के वफादार समर्थक माने जाते है. फिलहाल, में एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे है.

काश पटेल ने अपने जीवन की कहानी का किया जिक्र

काश पटेल ने हाल में हुए ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अपने जीवन के संघर्षो के बारे में जिक्र किया, उन्‍होंने बताया कि उनके माता-पिता पूर्वी अफ्रीका में पैदा हुए थे, लेकिन युगाड़ा में हुए नरसंहार से बचने के लिए उन्‍होंने अपने परिवार के साथ देश छोड़ दिया था. पटेल ने बताया कि उन्‍होंने अपनी आखों से देखा है कि यदि संवैधानिक न्याय प्रणाली टूट जाए तो अराजकता का क्या परिणाम हो सकता है.

काश पटेल का दृढ़ संकल्प

वहीं, एफबीआई के निदेशक के पद पर अपने नामांकन को लेकर आत्‍मविश्‍वास से पटेल कहा कि “मेरा नाम काश पटेल है और मैं कहीं नहीं जा रहा हूं.” उनकी इस बात से उनके दृढ़ संकल्प और भविष्य के लिए उनकी योजनाओं का संकेत मिलता है. 30 जनवरी को होने वाली ये सुनवाई अमेरिकी राजनीति और न्याय व्यवस्था के लिए एक नया अध्याय हो सकती है जिसमें एक भारतीय-अमेरिकी नेता एफबीआई जैसी अहम संस्था का नेतृत्व करेगा.

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