PoJK: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए गिलगित-बाल्टिस्तान के प्रमुख राजनीतिक कार्यकर्ता सेंगे हसनान सेरिंग ने भारत की सराहना की. उन्होंने कहा है कि मतदान प्रतिशत में वृद्धि आशा और प्रगति का संकेत है. जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच हसनान सेरिंग ने बढ़ती रुचि पर जोर दिया और विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान लगभग 59 फीसद मतदान का जिक्र किया. बता दें कि सेरिंग ने जम्मू-कश्मीर में दो दशक पहले हुए चुनावों में 10-20 फीसद के निराशाजनक मतदान से इसकी तुलना करते हुए वर्तमान आंकड़ों को एक बड़ा बदलाव बताया.
सेरिंग ने कहा, इससे पता चलता है कि स्थानीय लोगों में उम्मीद कायम है. आशा है कि वे अंततः अपनी भूमि, संसाधनों पर शासन करेंगे और भारत के सांविधानिक ढांचे के अंदर निर्णय लेंगे. सेरिंग ने कहा कि चुनाव जम्मू-कश्मीर के लोगों को दिए गए पूर्ण सांविधानिक अधिकारों और गारंटियों के साथ कराए गए, जिससे उन्हें भारत के समान नागरिक के रूप में भाग लेने की अनुमति मिली. किस्तान के कब्जे वाले पीओजेके और गिलगित-बाल्टिस्तान की राजनीतिक का जिक्र करते हुए सेरिंग ने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना अपने हितों के लिए चुनावों में हेरफेर करती है.
सेरिंग ने कहा कि पाकिस्तान के पास इन क्षेत्रों पर शासन करने के लिए कोई कानूनी या सांविधानिक ढांचा नहीं है. चुनाव केवल दिखावा मात्र हैं. ताकि, सेना स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर सके और चीन के साथ व्यापार मार्गों को सुगम बना सके. सेरिंग ने उच्च मुद्रास्फीति और विदेशी ऋण का हवाला देते हुए पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था की आलोचना की, जिसके कारण देश अपनी आबादी को समर्थन देने के लिए पर्याप्त वेतन या बुनियादी ढांचा प्रदान करने में असमर्थ हो गया है.