Sheikh Hasina: बांग्लादेश में अगस्त के महीने में नौकरी में आरक्षण को लेकर छात्रों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया था, लेकिन अब करीब ढाई महिने बाद राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने कहा है कि उनके पास इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
मोहम्मद शाहबुद्दीन के इस दावे के बाद देश के सियासत में बवाल मचा हुआ है. दरअसल, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने से पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनके पास इसका कोई सबूत नहीं है.’ राष्ट्रपति ने कहा कि बहुत कोशिशों के बावजूद उन्हें कोई भी दस्तावेज नहीं मिल पाया. शहाबुद्दीन ने कहा कि शायद हसीना पास वक्त नहीं था.
राष्ट्रपति ने बताई पांच अगस्त की घटना
पांच अगस्त की घटना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि सुबह करीब साढ़े दस बजे शेख हसीना के आवास से बंगभवन को फोन आया, जिसमें कहा गया कि हसीना उनसे मुलाकात करेंगी. वहीं, एक घंटे के अंदर ही कॉल आई, जिसमें कहा गया कि वह नहीं आ रही हैं.’
उन्होंने बताया कि चारों ओर अशांति की खबरें थीं. इसलिए मैंने इसे अपने सैन्य सचिव जनरल आदिल चौधरी को देखने को कहा. उनके पास भी कोई जानकारी नहीं थी. हम इंतजार कर रहे थे, लेकिन हमें कहीं कोई खबर मिली. फिर, मैंने सुना कि वह बताए बिना देश छोड़कर चली गई हैं.
शहाबुद्दीन ने कहा कि जब सेना प्रमुख जनरल वाकर बंगभवन आए, तो मैंने यह जानने की कोशिश की कि क्या प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद जवाब में उन्होंने सही सुना की हा हो गया है, लेकिन शायद उन्हें हमें सूचित करने का समय नहीं मिला. इसके बाद एक दिन कैबिनेट सचिव इस्तीफे की प्रति लेने आए. मैंने उनसे कहा कि मैं भी इसकी तलाश कर रहा हूं.’ उन्होंने कहा कि इस पर अब बहस करने का कोई मतलब नहीं है; हसीना जा चुकी हैं और यह सच है.
राष्ट्रपति ने झूठ बोला
वहीं, शेख हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने कहा कि राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री पद से हसीना के इस्तीफे के बारे में राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में झूठ बोला है. वहीं, बीएनपी के उपाध्यक्ष जैनुल आबेदीन ने कहा कि मैं कहूंगा कि राष्ट्रपति ने सरकार गठन के दो महीने बाद एक विशिष्ट एजेंडे के तहत यह बयान दिया है. राष्ट्रपति ने झूठ बोला है.
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