Singapore Elections: सिंगापुर में आम चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. आगामी आम चुनावों को लेकर प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (PAP) ने भारतीय मूल के लोगों को प्रतिनिधित्व देने का वादा किया है. पीएपी ने कहा है कि वह चुनाव में भारतीय मूल के उम्मीदवारों को उतारेगी. प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने साल 2020 की गलती को दोहराने से इनकार करते हुए कहा कि भारतीय समुदाय का योगदान अतुलनीय है.
सिंगापुर में भारतीयों का योगदान बड़ा
13 अप्रैल को भारतीय कम्युनिटी के साथ एक संवाद में बोलते हुए पीएम वोंग ने कहा, “आप एक छोटा समुदाय हो सकते हैं, लेकिन निश्चित रूप से सिंगापुर में आपका योगदान और सिंगापुर पर आपका प्रभाव बिल्कुल भी छोटा नहीं है.” 2020 के आम चुनाव में, पीएपी ने अपने 27 नए उम्मीदवारों में से किसी भी भारतीय को मैदान में नहीं उतारा था, जिससे संसद में जातीय समूह के प्रतिनिधित्व को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे.
भारतवंशियों का माना लोहा
सिंगापूर के पीएम लॉरेंस वोंग ने कहा, “मैं कहूंगा कि आप पहले से ही सिंगापुर की भावना को दर्शाते हैं. आपकी कहानी सिंगापुर की कहानी है– छोटी और फिर भी अपने वजन से बढ़कर प्रदर्शन करने वाली.” उन्होंने आगे कहा कि भारतीयों ने सिंगापुर के नागरिकों का 7.6 फीसदी प्रतिनिधित्व किया, जबकि मलेशियाई और चीनी क्रमशः 2024 में जनसंख्या का 15.1 फीसदी और 75.6 फीसदी हिस्सा थे.
90 मिनट की बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री वोंग और डिजिटल विकास और सूचना राज्य मंत्री जनिल पुथुचेरी ने करीब 130 युवाओं से बातचीत की. ये प्रोग्राम ‘वांगा इप्पो पेसलाम चैट’ (आओ, तमिल में चैट करें) अखबार तमिल मुरासु द्वारा आयोजित किया गया था.
कौन से भारतीय बनेंगे उम्मीदवार?
प्रधानमंत्री वोंग ने कहा कि आगामी आम चुनाव के लिए पीएपी से नए भारतीय उम्मीदवार होंगे, लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई नाम या विवरण नहीं साझा किया. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हाल ही में राजनीतिक नेताओं के साथ देखे गए नए चेहरों में एजेंसी फॉर इंटीग्रेटेड केयर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश वासु दाश, 13 साल से ट्रेड यूनियनिस्ट जगतीश्वरन राजो, लॉ फर्म टीटो इसाक एंड कंपनी के प्रबंध साझेदार कवल पाल सिंह और भारतीय ऑर्थोपेडिक सर्जन हामिद रजाक शामिल हैं. उम्मीद की जा रही है, इन चहरों को भी पीएपी अपना कैंडिडेट बना सकती है.
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