Singapore: अमेरिका और भारत का संबंध साझा दृष्टिकोण एवं मूल्यों पर आधारित है. दोनों देशों के संबंधों की गति में और तेजी देखी जाएगी. ये बयान ‘सांगरी ला डायलॉग’ में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन ने एक प्रतिनिधि के प्रश्न के उत्तर के तौर पर दी. बता दें कि सिंगापुर में हर साल एशिया का प्रमुख रक्षा शिखर सम्मेलन ‘सांगरी ला डायलॉग’ का आयोजन किया जाता है.
भारत के साथ संबंध बेहतर
भारत और अमेरिका के रिश्तों में पिछले कुछ दिनों में हुए कई घटनाक्रमों के बाद कितना परिवर्तन आया है और क्या दोनों देशों के संबंध अभी भी स्थिर और मजबूत हैं, इसे लेकर अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन ने आज, 1जून को नया बयान दिया. एक प्रतिनिधि के पूछे जानें पर उन्होंने कहा कि फिलहाल भारत के साथ जो हमारा संबंध है, वह पहले जितना ही अच्छा या उससे भी बेहतर है. कहा कि हम भारत में बख्तरबंद वाहनों का सह-उत्पादन कर रहे हैं. इस परियोजना में बेहतर प्रगति हुई है.
रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका-भारत संबंध साझा दृष्टिकोण एवं मूल्यों पर आधारित है. इसलिए मैं मानता हूं कि जो गति मुझे नजर आती है, वह न केवल बनी रहने वाली है बल्कि एक समय पर इसमें तेज भी आएगी. हिंद-प्रशांत क्षेत्र के संबंध में अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में अपने मित्रों के साथ मिलकर हम राष्ट्रीय बाधाओं को तोड़ रहे हैं और अपने रक्षा उद्योग को बेहतर तरीके से एकीकृत कर रहे हैं. रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने आश्वासन दिया कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अहम भूमिका निभाता रहेगा.
हिंद प्रशांत से दक्षिण चीन सागर तक भारत अमेरिका का खास रणनीतिक साझीदार
हिंद प्रशांत से लेकर दक्षिण चीन सागर तक भारत अमेरिका का रणनीतिक साझीदार है. हिंद प्रशांत एक जैव-भौगोलिक क्षेत्र है जिसके अंतर्गत हिंद महासागर, पश्चिमी एवं मध्य प्रशांत सागर, दक्षिण चीन सागर, ताइवान, ब्रूनेई, मलेशिया और वियतनाम आता है. अमेरिका, भारत एवं कई अन्य वैश्विक शक्तियां संसाधनों के लिहाज से संपन्न इस एरिया में चीन के बढ़ते दबदबे को देखते हुए मुक्त एवं खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर देती रही हैं. रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका रक्षा उद्योग जापान सहित इस क्षेत्र के देशों के साथ हाथ मिला रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका तभी सुरक्षित रह सकता है जब एशिया सुरक्षित होगा. यहीं कारण है कि अमेरिका लंबे समय से एशियाई क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी बनाए हुए है.
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