US ambassador Nicholas Burns: रूस यूक्रेन युद्ध में जहां अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है तो वहीं चीन रूस का साथ दे रहा है. अमेरिका रूस पर तमाम प्रतिबंध लगाए हुए है. साथ ही चीन को रूस का साथ देने पर चेतावनी भी दी है. वहीं अब बीजिंग में बैठकर ही अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स ने शी जिंपिंग खरी खोटी सुनाई है. बुधवार को अमेरिकी राजदूत ने कहा कि यूक्रेन पर हमले में चीन द्वारा रूस को मिसाइलों तथा अन्य हथियारों के रूप में तकनीकी मदद देना ‘एक बड़ी गलती’ है.
…चीन की एक बड़ी गलती
चीन के फाइनेंशियल हब सेंटर में दिए गए भाषण में निकोलस बर्न्स ने यह भी कहा कि रूस का आक्रमण तीसरे साल में प्रवेश कर गया है और यह यूरोप के लिए अस्तित्व का संकट बन गया है. अमेरिकी राजदूत ने कहा कि हमारा मानना है कि इस क्रूर युद्ध के लिए रूस रक्षा औद्योगिक अधार को सुदृढ़ और मजबूत करने के लिए हजारों की संख्या में चीनी कंपनियों को रूस को इतने सारे घटक, तकनीक, माइक्रोप्रोसेसर और नाइट्रोसेल्यूलोज सप्लाई करने की अनुमति देना एक बड़ी गलती है.
इस युद्ध में चीन निष्पक्ष नहीं है
रूस-यूक्रेन युद्ध में चीन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए बर्न्स ने कहा कि इस युद्ध में चीन निष्पक्ष नहीं है. वे सीधे तौर पर रूस के पक्ष में है. बर्न्स ने कहा कि चीन ने इस जंग में रूस का प्रभावी ढंग से साथ दिया है. ऐसा करना सीधे तौर पर संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर चीन के रुख के विपरीत है. उन्होंने कहा कि चीन इस बात पर जोर देता है कि वह रूस को सीधे सैन्य सहायता नहीं देता है, लेकिन उसने पूरे संघर्ष के दौरान रूस से मजबूत व्यापारिक संबंध बनाए रखे हैं. साथ ही रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और चीनी के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात भी होती रहती हैं.
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