Caribbean country Haiti: कैरेबियाई देश हैती इस समय गृहयुद्ध की चपेट में है. इसी बीच संयुक्त राष्ट्र प्रवास एजेंसी (UN Migration Agency) ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि हैती में लंबे समय से जारी गैंगवार से चलते करीब 6 लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. बता दें कि हैती में इस साल मार्च में सशस्त्र गिरोहों के साथ शुरू हुए संघर्ष की वजह से लगातार हिंसा बढ़ती ही जा रही है.
हैती के नए कार्यवाहक पीएम गैरी कोनिले, जिन्हें पिछले महीने एक कैबिनेट के साथ नियुक्त किया गया था, मंगलवार को एक समारोह में शामिल हुए. इस समारोह में 400 से भी अधिक अधिकारियों को पुलिस अकादमी से स्नातक की डिग्री दी गई. माना जा रहा है कि ये लोग हैती में जारी गैंगवार को रोकने में सहायता करेंगे.
कैरेबियाई देश के लिए संकट
यूएन एजेंसी द्वारा जारी ताजा आंकड़ा इस कैरेबियाई देश के संकट की गंभीरता को दिखाता है. इस राष्ट्र में लंबे समय से अशांति बनी हुई है, लेकिन फरवरी के अंत में गैंगवार ने बड़ा रूप ले लिया, जब कई बंदूकधारियों ने पुलिस स्टेशनों पर कब्जा कर लिया. मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भारी गोलीबारी हुई जो करीब तीन महीने से बंद था. हैती के दो सबसे बड़ी जेलों पर भी हमला किया गया था. हैती में बढ़ते हिंसा के कारण अब तक 5 लाख 80 हजार लोगों ने घर छोड़ दिया हैं.
अन्य जगहों पर बढ़ा दबाव
मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय प्रवास संगठन की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 लाख से अधिक लोगों का विस्थापन मुख्य रूप से पोर्ट-ऑ-प्रिंस की राजधानी से अन्य प्रांतों में भाग जाने वालों की वजह से हुआ है, जिनके पास उन्हें सहारा देने के लिए संसाधनों की काफी कमी है.
इससे पहले मार्च में, यूएन एजेंसी ने बताया था कि हैती में 3,62,000 से अधिक लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं. अब हिंसा ने दक्षिणी क्षेत्र में आंतरिक रूप से घर छोड़ने वाले लोगों की संख्या को दोगुना से भी ज्यादा कर दिया.
3 महीनों में 2,500 लोग मारे गए
इस साल के शुरुआती के तीन महीनों में हैती में 2,500 से अधिक लोगों के मारे जाने गए या घायल हुए. हैती की कम कर्मचारियों वाली नेशनल पुलिस हथियारों से लैस गैंग्स पर कंट्रोल कर स्थिति को सामान्य करने में नाकाम रही है.
स्कूल में बना आश्रय स्थल
पोर्ट-ऑ-प्रिंस के कम से कम 80 प्रतिशत और देश के बाकी हिस्सों की ओर जाने वाली प्रमुख सड़कों पर खतरनाक गैंग का कब्जा हो गया है. भड़की हिंसा के बाद से कई लोग अस्थायी आश्रयों में रह रहे हैं, जिनमें स्कूल और शिक्षण संस्थान शामिल हैं, और यहां अब 60 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं.
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