Solar Eclipse: मार्च महीने में पूर्ण चंद्रग्रहण के बाद अब सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है. खगोलीय घटना अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए खास होने वाला है. दरअसल इस महीने के अंत में यानी 29 मार्च को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है. ये सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्यग्रहण होगा. इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के कुछ हिस्सों पर छाया डालते हुए सूर्य की रोशनी को आंशिक रूप से रोक देगा. यह घटना खगोलविदों के लिए एक रोमांचक अवसर होगा, जो इस दुर्लभ खगोलीय घटना को समझने में मदद करेगा.
क्या होता है आंशिक सूर्यग्रहण?
बता दें कि सूर्यग्रहण वह समय होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य की रोशनी कुछ समय के लिए बाधित हो जाती है. यह तीन प्रकार का होता है-पूर्ण सूर्यग्रहण, वलयाकार सूर्यग्रहण (रिंग ऑफ फायर) और आंशिक सूर्यग्रहण. ऐसे में 29 मार्च को होने वाला ग्रहण आंशिक सूर्यग्रहण होगा. अर्थात चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाएगा. इस दौरान सूर्य अर्धचंद्राकार दिखाई देगा.
मालूम हो कि सूर्यग्रहण सिर्फ अमावस्या के दिन होता है, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं. हालांकि आमतौर पर आंशिक सूर्यग्रहण साल में दो बार होता है. ऐसे में इस साल का पहला आंशिक सूर्यग्रहण 29 मार्च को और दूसरा आंशिक सूर्यग्रहण 21 सितंबर को होगा, जिसे ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा.
सूर्यग्रहण का समय
नासा के मुताबिक, अमेरिका के स्थानीय समयानुसार यह आंशिक सूर्यग्रहण सुबह 4:50 बजे शुरू होगा, सुबह 6:47 बजे अपने चरम पर पहुंचेगा और लगभग 8:43 बजे समाप्त होगा.
वहीं, भारतीय समयानुसार यह ग्रहण दोपहर 2:20 बजे शुरू होगा, शाम 4:17 बजे अपने चरम पर पहुंचेगा और फिर धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा. वहीं, कुछ स्थानों पर ग्रहण के दौरान सूर्य का 93% हिस्सा ढका रहने की संभावना है.
भारत में दिखाई देगा या नहीं?
यह सूर्यग्रहण एशिया, अफ्रीका, यूरोप, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा. वहीं, इसका छाया पथ भारतीय उपमहाद्वीप से होकर नहीं गुजरेगा, जिसके कारण यह भारत में दिखाई नहीं देगा. लेकिन, नासा हर बार की तरह इस ग्रहण का लाइव टेलीकास्ट करेगा, जिसे ऑनलाइन माध्यमों से देखा जा सकता है.
इसे भी पढें:-सबसे बड़ा व्यापारी निकला अपना भारत, अमेरिका को ही बेच दिया रूस का तेल