South Korea: दक्षिण कोरियाई अदालत की ओर से राष्ट्रपति यूं सुक येओल के लिए गिरफ्तारी वारंट को मंजूरी दे दी है. इस बात की जानकारी जांच अधिकारियों द्वारा दी गई है. राष्ट्रपति येओल पर देश में 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लागू करने के फैसले पर महाभियोग लगाया गया था. साथ ही उन्हें सत्ता से निलंबित भी कर दिया गया था.
वहीं, संयुक्त जांच मुख्यालय ने बताया कि “संयुक्त जांच मुख्यालय द्वारा निलंबित किए गए राष्ट्रपति यूं सुक येओल के लिए गिरफ्तारी वारंट और तलाशी वारंट मंगलवार की सुबह जारी किया गया है.”
राष्ट्रपति ने की थी मार्शल लॉ की घोषणा
बता दें कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने 3 दिसंबर की रात एक चौंकाने वाला फ़ैसला करते हुए पहली बार दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ की घोषणा की थी लेकिन वो कुछ घंटों तक ही प्रभाव में रहा. इस दौरान यून ने अपने संबोधन में सरकार को कमज़ोर करने के विपक्ष के प्रयासों का ज़िक्र करते हुए कहा कि वह “तबाही मचाने वाली देश विरोधी ताक़तों को कुचलने के लिए” मार्शल लॉ की घोषणा करते हैं. इस आदेश का अर्थ था कि देश अस्थायी तौर पर सेना के नियंत्रण में चला गया.
पहली बार किसी राष्ट्रपति के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी
रिपोर्ट के मुताबिक, उच्च पदस्थ अधिकारियों के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय ने पुष्टि की है कि सियोल पश्चिमी जिला न्यायालय ने राष्ट्रपति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को मंजूरी दे दी है. स्थानीय मीडिया के अनुसार, दक्षिण कोरिया में पहली बार किसी मौजूदा राष्ट्रपति के लिए जारी किया गया यह पहला गिरफ्तारी वारंट है.
आपातकाल के समय लगा था मार्शल लॉ
दरअसल, साउथ कोरिया में आपातकाल के समय मार्शल लॉ लगाया गया, जिसका मतलब देश में अस्थायी शासन होता है, इस दौरान देश की कमान सेना के हाथ में चली जाती है. यही वजह है कि कहा जा रहा है कि देश में चुनी हुई सरकार अपना कामकाज करने में असमर्थ है.