South korea:दक्षिण कोरिया में पूर्व राष्ट्रपति यून सूक योल की ओर से लगाए गए मार्शल लॉ का समर्थन करना कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू पर भारी पड़ रहा है. दरअसल, दक्षिण कोरिया के संसद में कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पारित हुआ है. हान पर पूर्व राष्ट्रपति द्वारा लगाए गए मार्शल लॉ समर्थन करने और उनके खिलाफ जांच को मंजूरी न देने पर विपक्षी दल ने संसद में यह प्रस्ताव पारित किया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दक्षिण कोरिया की नेशनल असेंबली के स्पीकर वू वोन-शिक ने बताया कि हान डक-सू के महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. संसद में मौजूद सभी सांसदों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है. बता दें कि यह प्रस्ताव मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी लेकर आई थी.
24 से 72 घंटे के भीतर मतदान कराना आवश्यक
विपक्षी दल ने पहले ही कहा था कि यदि कार्यवाहक राष्ट्रपति न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं करेंगे तो वो उनके खिलाफ महाभियोग चलाएंगे. साथ ही विपक्षी पार्टी के प्रवक्ता यूं जोंग-कुन ने कहा कि हान राष्ट्रपति यून सुक येओल व उनकी पत्नी के खिलाफ विपक्ष द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर स्वतंत्र जांच की मंजूरी नहीं दे पाए. यही वजह है कि उन्हें अब महाभियाग का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि शुक्रवार को महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान कराया गया. ऐसे में दक्षिण कोरिया की संसद के नियमानुसार महाभियोग प्रस्तुत किए जाने के 24 से 72 घंटे के भीतर मतदान कराया जाना जरूरी होता है.
राष्ट्रपति योल के खिलाफ पारित हो चुका महाभियोग
बता दें कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सूक योल के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पारित होने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था. ऐसे में उनके स्थान पर प्रधानमंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन अब उनके खिलाफ भी महाभियाग प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है.
ऐसे में अब, सांविधानिक न्यायालय के पास यह तय करने के लिए 180 दिनों का समय है कि यून को राष्ट्रपति पद से हटाया जाए या उनकी शक्तियां बहाल की जाएं. अगर उन्हें पद से हटा दिया जाता है, तो उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए 60 दिनों के भीतर राष्ट्रीय चुनाव कराना होगा.
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