South Korea Impeachment: हाल ही में साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल देश में मार्शल लॉ लगाया था. हालांकि बाद में उन्होंने देश में अचानक मार्शल लॉ लगाने के लिए माफी मांगी. फिर भी राष्ट्रपति युन सुक योल देश में मार्शल लॉ लगाने के असफल प्रयास के वजह से घिरते ही जा रहे हैं. साउथ कोरिया की संसद में राष्ट्रपति युन सुक के खिलाफ सांसद महाभियोग लेकर आए हैं. 300 सांसदों में से 204 ने विद्रोह के आरोप में महाभियोग के पक्ष में वोट किया, जबकि 85 ने इसके खिलाफ वोट दिया. तीन सांसदों ने वोटिंग में भाग नहीं लिया और 8 वोट रद्द कर दिए गए.
सरकारी जिम्मेदारियां निलंबित
महाभियोग प्रस्ताव को पारित होने के लिए दो-तिहाई बहुमत चाहिए था, प्रस्ताव में आरोप लगाया कि यून ने दंगों की एक श्रृंखला का आयोजन करके और नेशनल असेंबली और जनता को धमकी देकर विद्रोह किया है. महाभियोग के बाद राष्ट्रपति योल की सरकारी जिम्मेदारियां निलंबित कर दी गई हैं.
दक्षिण कोरियाई इतिहास में दूसरे राष्ट्रपति
राष्ट्रपति यून की राष्ट्रपति शक्तियों और कर्तव्यों को सस्पेंड कर दिया गया है. प्रधानमंत्री हान डक-सू ने अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभाला है. संवैधानिक न्यायालय अब इस बात पर विचार-विमर्श करेगा कि यून पर किया गया एक्शन बरकरार रहेगा या नहीं. इसका फैसला 180 दिनों के अंदर होने की उम्मीद है.
अगर न्यायालय यून के खिलाफ फैसला सुनाता है, तो वह दक्षिण कोरियाई इतिहास में दूसरे राष्ट्रपति बन जाएंगे, जिन पर सफलतापूर्वक महाभियोग चलाया जाएगा. जिसके 60 दिनों के अंदर राष्ट्रपति चुनाव होंगे. पिछले दो सप्ताह से हर रात हजारों लोग कड़ाके की ठंड में सियोल की सड़कों पर हैं. राष्ट्रपति यून को पद से हटाने और गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं.
दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ
बता दें कि 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लागू करने के राष्ट्रपति यून के प्रयास की व्यापक रूप से आलोचना की गई थी. विपक्षी दलों और विशेषज्ञों ने उन पर विद्रोह का आरोप लगाया. राष्ट्रपति ने अपने फैसले की वजहों में से एक के रूप में उत्तर कोरिया के लिए घरेलू राजनीतिक समर्थन को खत्म करने की आवश्यकता का हवाला दिया था. हालांकि, उनके कार्यों को एक उच्च जोखिम वाले जुआ के तौर पर देखा गया, जिसने देश को सुरक्षा खतरों के प्रति संवेदनशील बना दिया है.
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