SpaceX: अरबपति जेरेड इसाकमैन ने गुरूवार को इतिहास रच दिया है. वो दुनिया के पहले इंसान बन गए है, जिन्होंने निजी अंतरिक्ष-चहलकदमी का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया है. खास बात ये है कि इस स्पेसवॉक में गैर-पेशेवर अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हुए. वहीं, यह स्पेसवॉक बीते 50 वर्षों में ये सबसे अधिक ऊंचाई वाला था.
दरअसल, सिविलियन एस्ट्रोनॉट्स भी फिनटेक अरबपति जेरेड इसाकमैन के नेतृत्व में स्पेसएक्स पोलारिस डॉन मिशन (SpaceX Polaris Dawn mission) में शामिल हुए थे. इस अंतरिक्ष चहलकदमी ने लगभग 1,400 किलोमीटर की ऊंचाई हासिल की, जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से करीब तीन गुना अधिक है.
कब हुआ लॉन्च?
बता दें कि स्पेसएक्स पोलारिस डॉन मिशन को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से 10 सितंबर को लॉन्च किया गया था. इसाकमैन ने स्पेसएक्स के साथ मिलकर पृथ्वी से सैकड़ों मील ऊपर इस बेहद साहसिक कार्य को अंजाम दिया. स्पेसएक्स ने इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया है.
SpaceX and the Polaris Dawn crew have completed the first commercial spacewalk!
“SpaceX, back at home we all have a lot of work to do, but from here, Earth sure looks like a perfect world.” — Mission Commander @rookisaacman during Dragon egress and seeing our planet from ~738 km pic.twitter.com/lRczSv5i4k
— Polaris (@PolarisProgram) September 12, 2024
कैसे दिया मुश्किल काम को अंजाम?
कर्इ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेरेड इसाकमैन और उनकी टीम ने हैच को खोलने से पहले अपने कैप्सूल के प्रेशर के कम होने का काफी देर तक प्रतीक्षा की. इस दौरान टीम के चारों लोगों ने वैक्यूम से खुद की रक्षा करने के लिए स्पेसएक्स के नए स्पेसवॉकिंग सूट पहने हुए थे.
कितनी देर चला स्पेसवॉक?
ये अंतरिक्ष-चहलकदमी टेस्ट लगभग दो घंटे तक चला था, जिसमें चलने से अधिक स्ट्रेचिंग की गई. हालांकि योजना ये थी कि जेरेड इसाकमैन कैप्सूल से बाहर आएंगे, लेकिन उन्हें पूरा समय अपने हाथ या पैर को कैप्सूल से ही जोड़कर रखना था. वो अपने हाथों और पैरों को मोड़कर ये देखना चाहते थे कि नया स्पेससूट कैसा है. बता दें कि इसमें मदद के लिए हैच में वॉकर जैसी संरचना की भी सुविधा थी.
क्या होता है स्पेसवॉक?
दरअसल, जब भी कोई अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में किसी यान से बाहर निकलता है, तो उसे ही स्पेसवॉक कहते हैं. स्पेसवॉक को EVA भी कहा जाता है यानी कि एक्स्ट्राव्हीक्यूलर एक्टिविटी. कई बार ये भारी मुसीबत का रूप भी धारण कर लेता है. यही वजह है कि इसे काफी सावधानी के साथ ही अंजाम दिया जाता है.
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