Sri Lanka: श्रीलंका में हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनावों में अनुरा कुमारा दिसानायके ने शानदार जीत हासिल की है. दिसानायके के जीत के बाद, श्रीलंकाई सेना ने श्रीलंका के उत्तरी तमिल क्षेत्र में पारुथिथुराई में अपने शिविर को बंद करने का ऐलान किया. सेना मुख्यालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि शिविर को बंद कर दिया जाए और जमीन दो सप्ताह के अंदर ही उसके मूल मालिकों को लौटा दी जाए.
तमिल समुदाय की समस्या को दूर करना है मकसद
राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले डिसानायके ने यह भी घोषणा की कि राजनीतिक कैदियों को जल्द ही रिहा किया जाएगा. दरअसल, तमिल समुदाय में लंबे समय से चली आ रही शिकायतों को दूर करने की प्रतिज्ञा के दौरान डिसानायके ने यह घोषणा की थी.
क्या है पारुथिथुराई शिविर?
साल 1995 में गृहयुद्ध के चरम के दौरान एलटीटीई (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) को आपूर्ति श्रृंखलाओं की निगरानी और बाधित करने के लिए पारुथिथुराई शिविर स्थापित किया गया था, जो संघर्ष समाप्त होने के बाद भी चालू रहा. ऐसे में सेना ने लिट्टे से जुड़े संगठनों की गतिविधियों और समुद्र के माध्यम से हथियारों की आपूर्ति सहित संभावित खतरों की निगरानी के लिए शिविर बनाए रखना जारी रखा. हालांकि अब सोमवार से सेना के जवानों ने परिसर को खाली करना शुरू कर दिया है, जो राष्ट्रपति की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में पहला कदम है.
इसे भी पढें:-G-20 शिखर सम्मेलन में PM Modi ने जस्टिन ट्रूडो से बनाई दूरी! दोनों देशों के बीच नहीं हुई द्विपक्षीय वार्ता