Sri Lanka: श्रीलंका में बौद्ध भिक्षु को मिली सख्त सजा, इस्लाम पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का है मामला

Aarti Kushwaha
Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Aarti Kushwaha
Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Sri Lanka: कोलंबो मजिस्ट्रेट अदालत ने साल 2016 में इस्‍लाम को लेकर की गई टिप्‍पणियों के मामले में एक कट्टरपंथी श्रीलंकाई बौद्ध भिक्षु को 9 महीने के जेल की सजा सुनाई है. दरअसल, कोलंबो के एडिशनल मजिस्ट्रेट पासन अमरसेना ने गुरूवार को भिक्षु गैलागोडा अथथे ज्ञानसारा को नौ महीने जेल की सजा के साथ ही 1,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया.

हालांकि इससे पहले ज्ञानसारा को हाई कोर्ट ने 4 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन अपील न्यायालय के जरिये पांच महीने बाद उन्‍हें रिहाई मिल गई थी. ज्ञानसारा को (जो 2012 से मुस्लिम अल्पसंख्यक विरोधी अभियान चला रहा था) को मार्च 2016 में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में की गई टिप्पणियों के लिए आरोपित किया गया था.

इस मामले में मिली ज्ञानसारा को सजा

रिपोर्ट के मुताबिक, आज ज्ञानसारा को जो सजा सुनाई गई है, वो कोर्ट में उपथित न होने को लेकर सुनाई गई है. उच्च न्यायालय ने कहा कि ज्ञानसारा ने अपनी टिप्पणियों के जरिए धार्मिक और सांप्रदायिक विघटन पैदा किया था. बता दें कि ज्ञानसारा को 2018 में अदालत की अवमानना ​​के लिए गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उसे राष्ट्रपति से क्षमादान मिल गया था.

श्रीलंका में तीसरा सबसे बड़ा धर्म इस्लाम

रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका में मुसलमानों की आबादी 22 मिलियन है, जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 10% है. वहीं, श्रीलंका में तीसरा सबसे बड़ा धर्म इस्लाम है और यहां के अधिकांश मुसलमान तमिल भाषा बोलते हैं. हालांकि, उनकी सामाजिक और राजनीतिक स्थिति अक्सर चर्चा का विषय बनती है.

गलागोदात्ते ज्ञानसारा विवादित बौद्ध भिक्षु

गलागोदात्ते ज्ञानसारा श्रीलंका की राजनीति में विवादित व्‍यक्ति है, जिन्हें चार साल की सजा सुनाई गई थी. वो अपने कट्टर बौद्ध विचारों के लिए जाने जाते हैं और श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के करीबी माने जाते हैं. ऐसे में पूर्व राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने ज्ञानसारा को धार्मिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए एक पैनल का प्रमुख बनाया, जो देश की कानूनी प्रणाली में सुधार के लिए जिम्मेदार था. हालांकि उनके इस कदम को लेकर उनकी भूमिका और प्रभाव को लेकर कई सवाल उठे हैं. विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के बीच.

ये भी पढ़ें:-Canada की लिबरल पार्टी इस दिन चुनेगी देश का अगला प्रधानमंत्री, रेस में शामिल है इन नेताओं के नाम

 

Latest News

Mahakumbh 2025: ब्रह्माकुमारीज के कार्यक्रम “स्वर्णिम भारत ज्ञानकुंभ” में शामिल हुए भारत एक्सप्रेस के CMD उपेंद्र राय

ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम “स्वर्णिम भारत ज्ञानकुंभ” में भारत एक्सप्रेस के CMD उपेन्द्र राय ने शिरकत किया. इस...

More Articles Like This