Sri Lanka: श्रीलंका में नई सरकार के गठन के बाद सोमवार को सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई. यह सबसे छोटी कैबिनेट की बैठक थी, जिसमें राष्ट्रपति समेत सिर्फ तीन मंत्री शामिल हुए. नए कैबिनेट के प्रवक्ता विजिता होने के साथ ही कई मंत्रालयों का कार्यभार संभाल रहे हेराथ ने कहा कि वो नवनियुक्त राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके और प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरसूर्या के साथ बैठक में उपस्थित हुए.
श्रीलंका में जल्द होंगे संसदीय चुनाव
बता दें कि बीते सप्ताह, राष्ट्रपति दिसानायके ने चार सदस्यों की कैबिनेट नियुक्त की थी. हालांकि श्रीलंका के संविधान में कैबिनेट पदों को 25 मंत्रियों तक सीमित किया गया है. वहीं, नए कैबिनेट के प्रवक्ता हेराथ ने कहा कि अगला चुनाव जीतने के बाद भी यही संख्या बनी रहेगी और कोई राज्य मंत्री नियुक्त नहीं किया जाएगा.
दरअसल, श्रीलंका में आगामी 14 नवंबर को संसद भवन के 225 सदस्यों की नियुक्ति के लिए संसदीय चुनाव होने वाले हैं. वहीं, चुनाव के बाद नव निर्वाचित संसद के 21 नवंबर 2024 को बुलाए जाने की उम्मीद है. हालांकि ये चुनाव राष्ट्रपति चुनाव के तुरंत बाद ऐसे में समय में हो रहा है जब श्रीलंका ने 2022 के आर्थिक संकट से धीमी गति से उबरने के संकेत दिए हैं.
कैबिनेट में हुए ये अहम फैसले
वहीं, कैबिनेट के प्रवक्ता हेराथ ने कहा कि संसदीय चुनाव में 11 अरब श्रीलंकाई रुपये खर्च होंगे, जिसमें 5 अरब रुपये राष्ट्रपति में निहित शक्तियों के तहत आवंटित किए जाएंगे. और बाकि के 6 अरब रुपये को 2025 के बजटीय आवंटन से लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि नए कैबिनेट के पहले बैठक में अर्थव्यवस्था और वित्त पर दो राष्ट्रपति सलाहकारों की नियुक्ति के अलावा, मंत्रिमंडल ने राजनेताओं को दिए गए विशेषाधिकारों की समीक्षा के लिए तीन सदस्यीय पैनल नियुक्त करने का फैसला किया है.
हेराथ ने कहा कि समिति आवश्यक मौजूदा अधिनियमों का अध्ययन करेगी और राष्ट्रपति को सिफारिशें करेगी.’ वहीं, एनपीपी ने चुनाव से पहले सभी पूर्व राष्ट्रपतियों और उनकी विधवाओं को दिए गए विशेषाधिकारों और सांसदों के पेंशन अधिकारों को समाप्त करने का संकल्प लिया था.
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