चर्चा दोबारा शुरू करने की आवश्यकता नहीं…कच्चातिवु द्वीप मुद्दे पर बोले श्रीलंकाई विदेश मंत्री

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Sri Lanka: कच्‍चातिवु द्वीप के मुद्दे को लेकर श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी का बयान सामने आया हैं. श्रीलंकाई विदेशमंत्री ने कहा कि भारत के साथ कच्चातिवु द्वीप को लेकर चर्चा करने का कोई वजह नहीं दिख रहा. इस मामले पर दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद ही चर्चा वर्षों पहले ही खत्म हो गई थी. उन्‍होंने कहा कि एक जिम्मेदार पड़ोसी देश होने के नाते श्रीलंका किसी को भी भारत की सुरक्षा से समझौता करने की अनुमति नहीं देगा.

मीडिया से बातचीत में कही ये बात…

बता दें कि कच्चातिवु द्वीप को लेकर श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने मीडिया से वार्ता की. साबरी ने कहा कि अगर आप इसे ध्यान से देखे, तो ये वे मुद्दे हैं, जिन पर वर्षों पहले ही चर्चा करके निष्कर्ष निकाला जा चुका है. इसे दोबारा शुरू करने की जरूरत नहीं दिखती है. “साबरी ने यह भी स्पष्ट किया कि कच्चातिवु द्वीप पर टिप्पणी का मतलब फिर से इस चर्चा को शुरू करना नहीं है”

उन्‍होंने आगे कहा कि वहां घरेलू राजनीतिक जरूरतों के आधार पर यह जानने की कोशिश जारी है कि उस समय विचार-विमर्श ठीक से किया गया था या नहीं. वहीं श्रीलंका में चीनी जासूसी जहाजों के आगमन के सवाल का जवाब देते हुए कहा साबरी ने कहा कि हमने बहुत स्पष्ट रूप से कहा कि हम सभी देशों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं.

जानें क्या है कच्चातिवु द्वीप का मामला

कच्चातिवु द्वीप तमिलनाडु के रामेश्‍वरम और श्रीलंका के बीच स्थित है जो बंगाल की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ता है. इसका इस्‍तेमाल मुख्‍य रूप से श्रीलंका और भारत के मछुआरे करते थे. 285 एकड़ में फैले इस द्वीप की सुरक्षा श्रीलंका के नौसेना की एक टुकड़ी करती है. 1974 में श्रीलंका के साथ हुए ऐतिहासिक समुद्री सीमा समझौते के तहत भारत सरकार ने कच्चातिवु श्रीलंका को दे दिया था. तमिलनाडु की कई सरकारें 1974 के समझौते को मानने से इनकार करती रहीं और द्वीप को दोबारा प्राप्त करने की मांग करती रहीं.

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