Sri Lanka Vehicles: श्रीलंका ने चार साल बाद पहली बार वाहनों के आयात पर प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया है. श्रीलंका की ओर से बुधवार को जारी राजपत्र के मुताबिक, 2020 की शुरुआत के बाद पहली बार सार्वजनिक परिवहन वाहनों के आयात की अनुमति दी गई है. इसे कोरोना महामारी के वजह से विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम करने के लिए 2020 में लागू किया गया था.
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वाहन आयत पर प्रतिबंध लगाने की नीति कोविड-19 महामारी और 2022 की आर्थिक मंदी के कारण विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव को कम करने के इरादे से लागू की गई थी.
इन लोगों पर लगेगा तीन प्रतिशत का शुल्क
रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने बुधवार को संसद को संबोधित करते हुए कहा कि निजी इस्तेमाल के लिए कारों के आयात की अनुमति फरवरी 2025 से दी जाएगी. हालांकि, यह फैसला नियमों के अधीन है, जिससे द्वीप राष्ट्र के विदेशी भंडार बनाने की कोशिश की रक्षा की जा सके. ऐसे में सभी आयातकों को अपना आयात तीन महीने के भीतर बेचना होगा, वरना उन पर तीन प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा.
आयातकों ने की संघ की सराहना
बयान में कहा गया कि “ये शर्तें देश के विदेशी मुद्रा भंडार की सुरक्षा के इरादे से लगाई गई हैं, जिससे अत्यधिक संख्या में वाहनों के आयात को हतोत्साहित किया जा सकें साथ ही आयातकों द्वारा भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च करते हुए मोटर वाहनों का अनावश्यक स्टॉक रखने से रोका जा सके.” वहीं, वाहन आयातकों के संघ ने इस कदम की सराहना की. उन्होंने आयात प्रतिबंध हटाने के लिए सरकार से व्यापक रूप से पैरवी की थी.
आर्थिक संकट के कारण घोषित करना पड़ा संप्रभु डिफॉल्ट
दरअसल, श्रीलंका की आर्थिक मंदी से उबरने की मान्यता में आईएमएफ ने आयात शुल्क के जरिए राज्य के राजस्व को बढ़ाने के उपाय के रूप में वाहन आयात की अनुमति दी थी. वहीं, अप्रैल 2022 में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट पैदा हो गया. जिसके वजह से द्वीप राष्ट्र को खुद को पहली बार संप्रभु डिफॉल्ट घोषित करना पड़ा.
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