Sri lanka: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को बड़ी राहत मिली है. श्रीलंका सरकार ने अपने सरकारी प्रतिभूति धारकों (Sovereign Bondholders) के साथ लंबे समय से लंबित ऋण पुनर्गठन समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए है. शुक्रवार को श्रीलंका के वित्त मंत्रालय ने एक बयान दिया. बयान में कहा गया कि 19 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय सॉवरेन बॉन्ड (ISB) के अपने अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय धारकों के प्रतिनिधियों के साथ एक समझौता किया गया है.
NPP की सरकार ने IMF प्रतिनिधियों के साथ की बातचीत
श्रीलंका के अधिकारियों ने ‘श्रीलंका की आधिकारिक ऋणदाता समिति (OCC) और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ बातचीत पूरी कर ली है. यह ऐलान तक किया गया, जब राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली नई नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) सरकार ने गुरुवार और शुक्रवार को कोलंबो में IMF प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बातचीत के दौरान समझौते को स्वीकार करने की इच्छा जताई.
दिसानायके ने की आईएमएफ की शर्तों को आसान करने की मांग
दो दिनों की वार्ता में नए राष्ट्रपति दिसानायके ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की कुछ कठोर शर्तों को आसान करने की मांग को दोहराया. मालूम हो कि पिछले साल मार्च में रानिल विक्रमासिंघे सरकार ने आईएमएफ के साथ ऋण पुनर्गठन समझौते के तहत 2.9 अरब डॉलर लिए थे. इससे पहले श्रीलंका ने पहले ही विस्तारित निधि सुविधा के तहत लगभग 36 करोड़ अमेरीकी डॉलर की तीन किश्तें हासिल की थी. वॉशिंगटन स्थित आईएमएफ मुख्यालय ने 2 अगस्त को कहा था कि श्रीलंका के आर्थिक सुधार कार्यक्रम ने अच्छे रिजल्ट दिए हैं. बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले एनपीपी ने आईएमएफ सौदे को ‘मौत का जाल’ कहा था और इस पर फिर से बातचीत करने के लिए कहा था.
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