Australia Student Visa: ऑस्ट्रेलिया जाकर पढ़ाई करने की सपना देख रहे छात्रों को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया ने वीजा के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जो आज से लागू हो रहा है. अब छात्रों को पढ़ाई के लिए खर्च ज्यादा करना पड़ेगा. सोमवार को ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए वीजा शुल्क को दोगुने से भी अधिक कर दिया गया है. ऑस्ट्रेलियाई सरकार का यह फैसला रिकॉर्ड प्रवासन पर लगाम लगाने के लिए है.
यह किया बदलाव
अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा शुल्क आज यानी 1 जुलाई से 710 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर यानी 39,493.11 रुपये से बढ़कर 1600 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर यानी 88,998.56 रुपये हो गया है. वहीं विजिटर वीजा वाले और अस्थायी स्नातक वीजा वाले छात्र अब छात्र वीजा के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे. सरकार ने आवेदन करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
आज से होगा लागू
ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्री क्लेयर ओ नील ने कहा कि आज से लागू होने वाले बदलावों से हमारी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की अखंडता को बहाल करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही एक प्रवासन प्रणाली तैयार होगी जो निष्पक्ष, छोटी और ऑस्ट्रेलिया के लिए अच्छी है.
वीजा नियमों की खामियां दूर कर रही सरकार
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कहा कि वह वीजा नियमों की खामियों को भी दूर कर रही है, जो विदेशी छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में अपने प्रवास को लगातार बढ़ाने की अनुमति देते हैं, क्योंकि 2022-23 में दूसरे या बाद के छात्र वीजा पर छात्रों की संख्या 30 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 150,000 से ज्यादा हो गई है. यह कदम पिछले साल के अंत से छात्र वीजा नियमों को सख्त करने के लिए की गई कार्रवाईयों के बाद उठाया गया है, क्योंकि 2022 में कोविड-19 प्रतिबंधों के हटने से वार्षिक प्रवासन रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है.
अमेरिका से भी महंगा
वीजा शुल्क में बढ़ोत्तरी से अब ऑस्ट्रेलिया में छात्र वीजा के लिए आवेदन करना अमेरिका और कनाडा के मुकाबले कहीं अधिक मंहगा हो गया है. अमेरिका में जहां वीजा के लिए 185 अमेरिकी डॉलर यानी 15,440.14 रुपये शुल्क देना होता है, वहीं कनाडा में 150 कनाडाई डॉलर यानी 9,156.36 रुपये का भूगतान करना पड़ता है.
कुछ दिन पहले भी किया था बदलाव
इंग्लिश टेस्ट स्कोर: टेम्पररी ग्रेजुएट वीजा के लिए जरूरी आईईएलटीएस स्कोर 6.0 से बढ़ाकर 6.5 कर दिया गया है. वहीं, रेगुलर स्टूडेंट वीजा के लिए यह स्कोर 5.5 से बढ़ाकर 6.0 कर दिया गया है. इसके साथ ही, अंग्रेजी भाषा परीक्षा की वैधता अवधि घटाकर एक वर्ष कर दी गई है.
जेनुइन स्टूडेंट टेस्ट: अब सभी इंटरनेशनल छात्रों को वीजा के लिए आवेदन करते समय एक नया टेस्ट “जेनुइन स्टूडेंट टेस्ट” देना पड़ेगा. यह टेस्ट ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने की उनकी इच्छा का आंकलन करेगा.
ज्यादा सेविंग बैलेंस: छात्र वीजा के लिए योग्य होने के लिए जरूरी बचत राशि बढ़ाकर करीब $24,500 (करीब 20 लाख रुपये) कर दी गई है.
खतरे में पड़ सकती है देश की मजबूत स्थिति
वहीं इस बदलाव पर आपत्ति जताते हुए ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटीज के सीईओ ल्यूक शीही ने कहा कि सरकार के इस क्षेत्र पर लगातार नीतिगत दबाव डालने से देश की मजबूत स्थिति खतरे में पड़ सकती है. यह हमारी अर्थव्यवस्था या हमारे यूनिवर्सिटीज के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि दोनों ही इंटरनेशनल छात्र शुल्क पर बहुत अधिक निर्भर हैं.
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