Sudan: सूडान की पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्सेस ने सूडान के ही एक केंद्रीय गांव पर हमला किया है, जिसमें 85 लोगों की मौत होने की खबर सामने आई है. कहा जा रहा है कि लड़कियों और महिलाओं के अपहरण को लेकर गांव के लोगों ने जवानों का विराध किया था, जिसके कुछ देर बाद ही जवानों द्वारा उनपर हमला कर दिया गया.
दरअसल, सूडान में बीते 18 महीने से हिंसा जारी है, और उसी हिंसा का ये ताजा मामला है. हालांकि इससे पहले भी रैपिड सपोर्ट फोर्स ने सेन्नार प्रांत के गलगनी इलाके में भी हमला किया था उसमें कई लोग मारे गए थे.
लोगों के विरोध करने पर हुआ हमला
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूडान की पैरामिलिट्री फोर्स और रैपिड सपोर्ट फोर्स के कुछ जवान गांव पहुंचे थे जहां उन्होंने यौन शोषण के उद्देश्य से कुछ महिलाओं और लड़कियों का अपहरण करने की कोशिश की, जिसका गांव के लोगों ने विरोध किया था. हालांकि विरोध के चलते जवान मौके से तो भाग गए, लेकिन कुछ ही देर के बाद बड़ी संख्या में पैरामिलिट्री के जवान कई वाहनों में सवार होकर गांव पहुंचे.
इस दौरान उनके पास बड़ी संख्या में स्वचालित हथियार भी थे. पैरामिलिट्री के जवानों ने आते ही गांव वालों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. जिसमें महिलाओं, बच्चों समेत 85 लोगों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है.
सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक बल आमने-सामने
वहीं, सूडान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस हमले में 150 गांव वाले घायल भी हुए हैं. दरअसल, सूडान में रैपिड सपोर्ट फोर्स पर अक्सर नरसंहार, दुष्कर्म और हिंसा के आरोप लगते रहते हैं. सूडान की सेना और वहां के अर्द्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच बीते साल अप्रैल से टकराव चल रहा है. इस दौरान हिंसा में बड़ी संख्या में लोगों की जान जा चुकी है.
आपको बता दें कि सूडान में नागरिक सरकार को सत्ता हस्तांतरित करने की मांग को लेकर साल 2021 से ही संघर्ष चल रहा है. हालांकि मुख्य विवाद सेना और अर्द्धसैनिक बल आरएसएफ के विलय को लेकर है.
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