Sudan: सूडानी सेना और RSF के बीच फिर छिड़ा जंग, अकाल के कगार पर पहुंचा देश

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Sudan-RSF War Updates: उत्‍तरी अफ्रीका का सबसे बड़ा देश सूडान में गृह युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. सूडान के सेन्नार प्रांत के एक शहर में सूडान की सेना और एक कुख्यात अर्धसैनिक समूह के बीच एक बार फिर जंग छिड़ गई है, जिससे 14 महीने से चल रहे संघर्ष में एक और मोर्चा खुल गया है. अधिकारियों ने बताया कि इस जंग से सूडान अकाल के कगार पर पहुंच गया है.

अ‍धिकारियों ने बताया कि पैरामिलिट्री ‘रैपिड सपोर्ट फोर्सेज’ (RSF) ने इस सप्ताह के शुरुआत में सेन्नार प्रांत पर अपना हमला शुरू किया था, उन्‍होंने इससे पहले जेबल मोया गांव पर भी हमला किया, जहां नया युद्ध छिड़ गया है. स्थानीय अधिकार समूह के मुताबिक, ट्रकों में सवार होकर आये स्वचालित राइफलों से लैस आरएसएफ लड़ाकों ने वीकेंड में राजधानी खार्तूम से करीब 350 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में सिंगा में हंगामा किया.

घरों और दुकानों में जमकर लूटपाट

उन्होंने बताया कि स्थिति तनावपूर्ण और अप्रत्याशित बनी हुई है. निवासियों ने बताया कि लड़ाकों ने सिंगा में घरों और दुकानों में बड़े पैमाने पर लूटपाट की तथा निजी वाहन, आभूषण, मोबाइल फोन और अन्य मूल्यवान वस्तुएं लूट लिए. साथ ही शहर के मुख्य अस्पताल पर कब्जा कर लिया. वहीं शनिवार को एक बयान में दावा किया कि लड़ाकों ने सिंगा में सेना की 17वीं इन्फैंट्री डिवीजन मुख्यालय पर अपना कब्जा कर लिया है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, आरएसएफ सूडानी सेना के सुरक्षा घेरे में सेंध लगाने में कामयाब रहा.

लड़ाकों के उत्‍पात से भागे स्‍थानीय लोग

हालांकि, सूडानी सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर नबील अब्दुल्ला ने कहा कि सेना ने मुख्यालय पर फिर से नियंत्रण पा लिया है और रविवार सुबह भी जंग जारी थी. किसी भी पक्ष के दावे की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं की जा सकी. संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन के मुताबिक, लड़ाकों के उत्‍पात के वजह से कम से कम 327 परिवारों को जेबल मोया और सिंगा से सुरक्षित जगहों में भागना पड़ा.

आरएसएफ पर लगे गंभीर आरोप

बता दें कि अप्रैल 2023 में जंग शुरू होने के बाद से आरएसएफ पर देशभर में अधिकारों के घोर उल्लंघन का आरोप लगाया गया, जब सूडान की सेना और अर्धसैनिक समूह के बीच बढ़ते तनाव ने खार्तूम और अन्य जगहों पर खुलेआम जंग का रूप ले लिया था. संयुक्त राष्ट्र की मानें तो, इस विनाशकारी संघर्ष में 14 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई है और 33 हजार लोग घायल हुए हैं, लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह आंकड़ा अधिक भी हो सकती है.

ये भी पढ़ें :- Pakistan News: पाकिस्तान की हैवानियत सुन कांप जाएगी रूह, देवर ने भाभी-भतीजी को दीवार में जिंदा चुनवाया

More Articles Like This

Exit mobile version