Summer: यूरोप की जलवायु एजेंसी कॉपरनिकस ने हाल ही में दावा किया है कि इस साल की गर्मियों के दौरान धरती का तापमान सबसे ज्यादा रहा है. कॉपरनिकस के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस साल की रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के चलते मानव जनित कारणों के अलावा, जलवायु परिवर्तन, अल नीनो प्रभाव और मौसम संबंधी बदलाव हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये साल मानवता के इतिहास में सबसे गर्म साल रहा.
इस साल का औसत तापमान
कॉपरनिकस ने बताया कि इस साल जून, जुलाई और अगस्त में औसत तापमान 16.8 डिग्री सेल्सियस था, जो साल 2023 के रिकॉर्ड से 0.03 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है. दरअसल, कोपरनिकस के रिकॉर्ड साल 1940 से ही मौजूद हैं, लेकिन अमेरिकी, ब्रिटिश और जापानी रिकॉर्ड 19वीं सदी के मध्य से शुरू होते हैं, जिसके मुताबिक, पिछले दशक में औसत तापमान सबसे ज्यादा गर्म रहा है.
पिछले साल भी ज्यादा रहा तापमान
वैज्ञानिकों का मानना है कि बीते सवा लाख वर्षों में यह तापमान सबसे ज्यादा है. वहीं, कॉपरनिकस के निदेशक कार्लो बुओंटेम्पो का कहना है कि साल 2024 और 2023 में अगस्त महीने के दौरान औसत तापमान 16.82 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि वैश्विक तापमान के समतुल्य है.
2024 धरती का सबसे गर्म साल
वैज्ञानिकों कहा कि आकड़ों से ही पता चलता है कि किस प्रकार जलवायु परिवर्तन का यिाकंजा हम पर कसता जा रहा है. इससे पहले यानी साल 2023 में चर्चा थी कि क्या ये साल धरती का सबसे गर्म साल रहा, लेकिन 2024 के आंकड़े सामने आने के बाद यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है कि वर्ष 2024 धरती का सबसे गर्म साल रहा.
नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी
रिपोर्ट के मुताबिक, जलवायु विज्ञानी जोनाथन ओवरपैक ने बताया कि अमेरिका के एरिजोना में इस साल 100 से भी अधिक दिनों तक तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहा. इसके साथ ही हीट वेव, भारी बारिश, बाढ़ जैसी घटनाएं भी हर साल की अपेक्षा ज्यादा हुईं है. ऐसे में जलवायु परिवर्तन को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है.
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