इस देश में अवैध है बच्चों को थप्पड़ मारना, ऐसा किया तो जा सकते हैं जेल

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Children’s Law in Sweden: हमारे देश में अक्‍सर लोग बच्‍चों की गलतियों पर उनपर हाथ उठा देते हैं. यहां बच्‍चों पर गुस्‍सा उतारना या दो-चार चाटें मारना आम बात हैं. कई बार तो जब बच्चा सो नहीं रहा होता है तो उसे दो-चार थप्‍पड़ लगाकर सुला दिया जाता है. भारत में ये भले ही आम बात है, लेकिन हर देश में ऐसा नहीं होता है. दरअसल कुछ देशों में बच्चों को इस तरह मारना माता-पिता को बहुत भारी पड़ जाता है. आज हम आपको ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां बच्चे को एक थप्पड़ मारना भी गैरकानूनी है.

बच्चे को थप्पड़ लगाया तो मिलेगी सजा

दुनियाभर में 53 देश ऐसे हैं जहां बच्चों को घर या स्कूल में दी जाने वाली सजा पर पूरी तरह से रोक है. वहीं अगर केवल स्कूल की बात करें तो 117 देशों में बच्चों को दी जाने वाली सजा बैन है. इन देशों में टीचर्स बच्चों पर बिल्कुल हाथ नहीं उठा सकते. वहीं एक देश ऐसा भी है जहां अगर माता-पिता ने भी बच्चों पर एक थप्पड़ जड़ दिया तो उन्हें भारी सजा भुगतनी पड़ सकती है. जी हां स्‍वीडन दुनिया का पहला देश है जिसने बच्‍चों के अधिकारों को बढ़ावा देने का काम शुरू किया था. साल 1950 से ही स्वीडन में टीचर्स द्वारा स्टूडेंट्स को मारने पर रोक लगा हुआ है. वहीं साल 1979 में बने कानून के मुताबिक, माता-पिता और रिश्तेदार भी बच्चे पर हाथ नहीं उठा सकते.

बच्चों के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा गैरकानूनी

स्‍वीडन में अगर बच्‍चा गलती भी करता है तो उसे प्‍यार से समझाया जाता है. यहां बच्‍चों को थप्‍पड़ मारना या कान पकड़ना तक भी गैरकानूनी माना जाता है. अगर इन देशों में कोई बच्चा पुलिस में शिकायत कर देता है तो पुलिस और सरकारी एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चे के अधिकारों की रक्षा करें. सरकारी एजेंसियां अगर चाहें तो वो माता-पिता को जेल भेजवा सकती है. ऐसे में यहां के लोग बच्चों पर किसी भी तरह की हिंसा करने से बचते हैं.

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