Tahawwur Rana: 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा ने भारत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इससे पहले उसने अमेरिका की सैन फ्रांसिस्को स्थित एक अदालत का रूख किया था, लेकिन वहां उसे सफलता हाथ नहीं लगी. ऐसे में तहव्वुर राणा का यह अंतिम कानूनी प्रयास है
सर्किट कोर्ट में राणा की याचिका हुई खारिज
23 सितंबर को सर्किट कोर्ट ने राणा की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अन्य अदालतों के फैसलों पर रोक लगाने की मांग की थी. इसके आद उसने 13 नवंबर को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उसने वही दलील दी, जो उसने पहले निचली अदालतों में दी थी कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपों में उसे शिकागो की एक संघीय अदालत ने मुकदमे से बरी किया है.
राणा मिल सकती है सजा ए मौत
वहीं, राणा ने बताया कि यदि कानूनी प्रक्रिया के कुछ खास नियम लागू किए जाते हैं, तो उसे भारत भेजा जा सकता है. ऐसे में उसके भारत वापस आने पर उसपर उन्हीं आरोपों में मुकदमा चलाया जा सकता है और सजा मिल सकती है, जिसमें मौत की सजा भी शामिल है.
डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी तहव्वुर राणा
बता दें कि तहव्वुर राणा पर साल 2008 में मुंबई में हुए हमले में भूमिका निभाने का आरोप है. रिपोर्ट के मुताबिक, राणा पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आंतकी डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी रहा है, जो इस हमले का प्रमुख साजिशकर्ता था. साल 2008 में हुए इस हमले में कुल 166 लोग मारे गए थे, जिसमें छह अमेरिकी नागरीक भी शामिल थे. जानकारों के मुताबिक, दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई के प्रमुख स्थानों पर 60 घंटे से अधिक समय तक आतंक मचाया था.
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