Taiwan-China: ताइवान में चीन की बढ़ती आक्रमकता पर यूरोपीय आयोग ने चिंता जताई है. आयोग ने सुझाव दिया है कि चुनौतियों से निपटने के लिए यूरोपीय संघ को ताइवान के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना होगा. यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के विशेष सलाहकार और रिपोर्ट के लेखक, पूर्व फिनिश राष्ट्रपति सौली निनिस्तो ने कहा, चीन का उदय और उसकी बढ़ती राष्ट्रीय शक्ति वृद्धि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन को गहराई से बदल रही है. उन्होंने आगे कहा, ‘ताइवान पर कब्जा करने की अपनी लंबे समय से चली आ रही महत्वाकांक्षाओं से परे, जिसे वह अपरिहार्य मानता है.
चीन की आक्रामक क्षेत्रीय स्थिरता को कर रही कमजोर
भारत, फिलीपींस और वियतनाम सहित पड़ोसियों के प्रति चीन की आक्रामक विदेश और सुरक्षा नीतियां क्षेत्रीय स्थिरता को कमजोर कर रही हैं, जिससे संघर्ष के बढ़ने का खतरा पैदा हो रहा है.’
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ताइवान या दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रमकता के परिणामस्वरूप यूरोप और विश्व की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है. इसके अलावा, चीन की आर्थिक और सैन्य शक्ति के कारण यूरोपीय और वैश्विक आपूर्ति शृंखलाएं भी प्रभावित हो सकती हैं.