ताइवान के पास चीन का युद्धाभ्यास समाप्त, H-6 परमाणु बमवर्षक का भी हुआ इस्तेमाल

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Taiwan: ताइवान के इर्द-गिर्द हो रहे चीन का सैन्‍य युद्धाभ्‍यास ज्‍वाइंड स्‍वॉर्ड 2024 ए पूरा हो चुका है. चीन ने दो दिन तक युद्धाभ्‍यास किया. दो दिवसीय युद्धाभ्‍यास में चीन की पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पहली बार ताइवान और उसके नियंत्रण वाले द्वीपों पर यह अभ्‍यास किया. इस युद्ध अभ्यास में मुख्य रूप से चीन की नौसेना और वायुसेना ने हिस्‍सा लिया. चीनी युद्धाभ्यास के पहले दिन से ही आशंका जताई जा रही थी कि ताइवान को परेशान करने के लिए को चीनी यह सैन्‍य अभ्यास कर रहा है. हालांकि कुछ लोगों का मानना था कि ताइवान पर दबाव बनाने और घेरने को लेकर चीन ने सैन्‍य अभ्‍यास किया.

चीन का युद्धाभ्यास समाप्‍त

इस अभ्यास को ताइवान ने चीन की भीषण भड़कावे वाली कार्रवाई करार दिया है. चीन के सरकारी टेलीविजन के मिलिट्री चैनल ने इस संबंध में कहा कि यह सैन्य अभ्यास पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को पूरा हुआ. हालांकि इस युद्धाभ्यास को लेकर चीनी रक्षा मंत्रालय की ने कोई टिप्पणी अबतक नहीं की है. ताइवान स्‍वयं को संप्रभु राष्ट्र बताता रहा है. वहीं लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार के शासन वाले ताइवान को चीन अपना हिस्सा बताया है. जानकारी दें कि तीन दिन पहले ही ताइवान ने नया राष्ट्रपति चुना है, जिनका नाम है लाइ चिंग ते. राष्‍ट्रपति पद को संभालने के तीन दिनों बाद ही चीन ने ताइवान के पास दो दिवसीय युद्धाभ्यास किया.

एक समय में 62 लड़ाकू विमान

ताइवान के रक्षा मंत्रालय के जारी बयान के अनुसार, इस युद्धाभ्यास के दौरान एक समय में 62 लड़ाकू विमानों को आकाश में और 27 युद्धपोतों को समुद्र में हमले का अभ्यास करते हुए देखा गया है. इसमें से 46 फाइटर प्‍लेन ने ताइवान स्ट्रेट की मध्य रेखा को पार किया. इस दौरान चीन ने सुखोई 30 लड़ाकू विमानों और परमाणु हमला करने वाले एच-6 बमवर्षक विमानों का भी प्रयोग किया.

राष्‍ट्रपति के भाषण के बाद युद्धाभ्‍यास 

राष्ट्रपति पद संभालने के बाद लाई चिंग ते ने अपने पहले भाषण में चीन से ताइवान को धमकी देना बंद करने को कहा था. उन्होंने कहा था कि ताइवान लोकतांत्रिक देश हैं. चीन उसकी संप्रभुता को स्वीकार करे. इसके बाद ही चीन ने युद्धाभ्‍यास किया. इसलिए कहा जा रहा था कि उनके भाषण के वजह से ही चीन ने यह युद्धाभ्यास किया है.

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