चीन के लिए जासूसी करना इस देश के सैनिकों को पड़ा महंगा, कोर्ट ने सुनाई सजा

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Taiwan Spying: ताइवान के चार सैनिकों को चीन के लिए जासूसी करना महंगा पड़ा है. ताइवान की एक अदालत ने चार सैनिकों को गोपनीय जानकारी चीन को लीक करने और फोटो खींचने के आरोप में जेल की सजा सुनाई है. इनमें राष्ट्रपति कार्यालय की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार यूनिट के तीन सैनिक भी शामिल हैं. सभी को सात साल तक की जेल की सजा दी गई है. बता दें कि ये पहली बार नहीं है कि चीन के लिए ताइवान से जासूसी की गई हो.

जासूसी मामले में तेजी से इजाफा

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हाल के सालों में चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में अभियोजित लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. चीन ताइवान सेना के सेवानिवृत्त और सेवारत सदस्य को टारगेट कर रहा है. इसके साथ ही उनके माध्‍यम से घुसपैठ के प्रयास कर रहा है. ताइवान और चीन के बीच जारी तनाव के बीच जासूसी की घटनाएं सामने आना ताइवान सरकार के लिए चिंता का विषय है.

नई घोषणा के बाद हुई सजा

यह कदम राष्ट्रपति लाई चिंग-ते की ओर से इस महीने घोषित किए गए उस बयान के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने चीनी जासूसी मामलों और ताइवानी सैन्यकर्मियों से जुड़ें अन्य अपराधों की सुनवाई के लिए सैन्य न्यायाधीशों को बहाल करने की घोषणा की थी. बुधवार को ताइपे जिला अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति कार्यालय की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सैन्य यूनिट के 3 सदस्यों और रक्षा मंत्रालय के सूचना एवं दूरसंचार कमान के एक सैनिक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का उल्लंघन करने का दोषी करार दिया है.

इतने साल की हुई सजा

अदालत के बयान के मुताबिक, चारों सैनिकों ने जासूसी कर देश के साथ विश्वासघात बताया है. साथ कहा गया है कि सैनिकों ने देश की सुरक्षा को खतरे में डाला है. कोर्ट ने कहा कि चारों को आंतरिक सैन्य जानकारी, जिसे कई महीनों तक गोपनीय रखा जाना चाहिए था, चीनी खुफिया एजेंटों को देने के लिए 5 वर्ष 10 महीने से लेकर सात साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है.

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