अमेरिका और कनाडा ने मिलकर ताइवान स्ट्रेट पर उतारे युद्धपोत, चीन की बढ़ी टेंशन

Raginee Rai
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Taiwan Strait: चीन और ताइवान के बीच तनातनी चरम पर है. बीजिंग अपनी हरकतों ने बाज नहीं आ रहा है और लगातार ताइवान के चारों ओर युद्धाभ्‍यास कर रहा है. लेकिन इसी बीच अब अमेरिका और कनाडा ने मिलकर ड्रैगन की टेंशन बढ़ा दी है. दरअसल ताइवान और चीन को अलग करने वाले स्‍ट्रेट में यूएस और कनाडा के युद्धपोतो की हलचल दिखी. जिसके बाद चीन भड़क गया और दोनों देशों के इस कदम की कड़ी निंदा की. बीजिंग ने कहा कि युद्धपोतों का ताइवान स्‍ट्रेट (फॉर्मोसा जलडमरूमध्‍य) में आवागमन यहां की शांति और स्थिरता को बाधित करेगा.

युद्धपोतों के गुजरने से बढ़ा तनाव

ताइवान स्ट्रेट से अमेरिका और कनाडा के युद्धपोतो के गुजरने से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. बता दें कि अमेरिका और कनाडा ने ये कदम बीते दिनों में इस क्षेत्र में हुए चीन के बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास के बाद उठाया है. अपनी युद्धपोतों को स्ट्रेट से गुजार कर दोनों देशों ने क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति को दिखाए हैं. युएस और उसके सहयोगी नियमित रूप से 180 किमी (112 मील) लंबे ताइवान स्ट्रेट को पार करते रहते हैं ताकि इसको अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग के रूप माना जाता रहे, क्योंकि चीन हमेशा से ही इस पर अपना दावा करता आया है.

ताइवान स्‍ट्रेट से गुजरना अंतरराष्‍ट्रीय अधिकार

अमेरिकी नेवी के 7वें फ्लीट ने एक बयान में कहा कि अर्ले बर्क श्रेणी के गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर, शिप यूएसएस हिगिंस (DDG 76) और रॉयल कैनेडियन नौसेना के हैलिफैक्स श्रेणी के फ्रिगेट HMCS वैंकूवर ने 20 अक्टूबर, दिन रविवार को ताइवान स्ट्रेट की नियमित यात्रा की. साथ ही बयान में ये भी कहा कि ताइवान स्ट्रेट से हिगिंस और वैंकूवर का गुजरना इस क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय अधिकार को दर्शाता है. इसके अलावा यह सफर इसकी स्वतंत्रता को कायम रखने के प्रति अमेरिका और कनाडा की प्रतिबद्धता को भी दिखाता है.

भड़का चीन

अमेरिका और उसके सहयोगियों का मानना है कि ये स्ट्रेट इंटरनेशनल मान्यता प्राप्त है, लेकिन चीन इस बात से हमेशा ऐतराज करता रहा है. चीन ने अमेरिका और कनाडा के इस कदम की निंदा करते हुए कहा है कि युद्धपोतों की ताइवान स्ट्रेट में आवाजाही स्ट्रेट में शांति और स्थिरता को बाधित करेगी. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के पूर्वी थिएटर कमांड ने कहा कि इस आवाजाही के दौरान नौसैनिक और एयरफोर्स को निगरानी में रखा गया था और स्थिति को कानूनों के मुताबिक संभाला गया है.

ताइवान पर चीनी दबाव

हाल के वर्षों में चीन ने ताइवान पर सैन्य दबाव बढ़ा दिया है और लगभग रोजाना द्वीप के आसपास फाइटर जेट और अन्य सैन्य विमान और शिप को तैनात कर रहा है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि उसने सुबह 6 बजे तक 24 घंटे में 14 चीनी सैन्य विमान और 12 नौसेना जहाजों को क्षेत्र से गुजरते हुए देखा है. मालूम हो कि चीन ताइवान को हमेशा से अपना हिस्‍सा मानता रहा है. जबकि ताइवान खुद को संप्रभु राष्‍ट्र मानता है. अब तक चीन ने ताइवान पर सीधे हमला नहीं किया है, लेकिन वो ये सब कुछ ग्रे जोन में करता है.

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