BRICS देशों का डॉलर से हटने का प्रयास अब नहीं किया जाएगा बर्दाश्त…भारत, रूस और चीन को ट्रंप की चेतावनी

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Tariff Threat: अमेरिका में हाल ही में हुए राष्‍ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप ने भारी बहुमत से जीत हासिल की है, जिसके बाद वो 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे, लेकिन इससे पहले ही उन्‍होंने भारत, रूस समेत कई देशों को सख्‍त चेतावनी दी है. उन्‍होंने कहा है कि अगर BRICS देशों ने अमेरिकी डॉलर को नकारा या अन्य किसी मुद्रा को अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन के लिए इस्तेमाल करना शुरू किया तो इन देशों पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा.

बता दें कि BRICS देशों में भारत, रूस, ब्राजील, चीन, दक्षिण अफ्रीका और अन्य शामिल हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक ऑनलाइन पोस्ट में कहा कि BRICS देशों का डॉलर से हटने का प्रयास अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे में इन देशों से हमें ये सुनिश्चित करने की आवश्‍यकता है कि वे कोई नया BRICS मुद्रा नहीं बनाएंगे और न ही किसी अन्य मुद्रा को अमेरिकी डॉलर की जगह लेने देंगे, वरना उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था में व्यापार करने की संभावना भी समाप्त हो जाएगी.

BRICS देशों को ट्रंप की चेतावनी

दरअसल, अक्टूबर में BRICS देशों ने रूस के कजान में आयोजित शिखर सम्मेलन में गैर-डॉलर लेन-देन को बढ़ावा देने और स्थानीय मुद्राओं को मजबूत करने पर विचार-विमर्श किया था. इस दौरान BRICS देशों के बीच बैंकिंग नेटवर्क को मजबूत करने और स्थानीय मुद्राओं में व्यापार के लिए कदम उठाने की बात की गई.

भारत ने भी की टिप्‍पणी….

हालांकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सम्मेलन के अंत में ये स्पष्‍ट कर दिया कि इस समय SWIFT वित्तीय प्रणाली के मुकाबले कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बनाई गई है. वहीं, भारत भी डॉलर से दूर जाने के पक्ष में नहीं है. क्‍योंकि हाल ही में भारती विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि ये भारत की आर्थिक नीति या रणनीतिक नीतियों का हिस्सा नहीं है.

भारत पर शुल्क की बढ़ी चिंता

उन्‍होंने कहा कि यदि व्यापारिक साझेदार डॉलर नहीं स्वीकारते या व्यापार नीतियों के कारण समस्याएं पैदा होती हैं तो वैकल्पिक उपायों पर विचार किया जाता है. वही, भारत के व्यापारिक शुल्क प्रणाली ने ट्रंप को पहले से ही परेशान किया हुआ है और ब्राजील, चीन भी उनके निशाने पर रहे हैं. ऐेसे में साल 2025 के लिए ट्रंप के प्रस्तावित टैरिफ योजना में “पारस्परिकता” का अहम स्थान है, जिसका मकसद संरक्षणवादी नीतियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना है.

भारत को लेकर ट्रंप की टिप्पणी

भारत को लेकर ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि सबसे बड़ा शुल्क लगाने वाला देश भारत है. हालांकि इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत-अमेरिका संबंधों की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि भारत चीन से भी ज्यादा शुल्क लेता है, मगर इसे मुस्कान के साथ दिया जाता है, और सभी भारत से माल खरीदने पर वे आभार व्यक्त करते हैं.

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