Kash Patel:’हम हर कोने में तुम्हारा पीछा करेंगे…’, FBI चीफ बनते ही काश पटेल ने किसे दी चेतावनी

Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Kash Patel: भारतीय-अमेरिकी काश पटेल को अमेरिका की शीर्ष जांच एजेंसी, संघीय जांच ब्यूरो का निदेशक नियुक्त किया गया है. वो इस पद पर पहुंचने वाले पहले भारतीय मूल के व्यक्ति हैं. निदेशक के रूप में नियुक्ति किए जाने के बाद काश पटेल ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी का आभार व्यक्त किया है. इसके साथ ही उन्होंने एजेंसी को पारदर्शी, जवाबदेह और न्याय के प्रति प्रतिबद्ध बनाने की शपथ भी ली है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए काश पटेल ने कहा, ‘मैं संघीय जांच ब्यूरो के नौवें निदेशक के रूप में पुष्टि किए जाने पर सम्मानित महसूस हो रहा है. राष्ट्रपति ट्रंप और अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को आपके अटूट विश्वास और समर्थन के लिए धन्यवाद.’

काश पटेल ने दी दुश्मनों को कड़ी चेतावनी

एफबीआई निदेशक बनने के बाद काश पटेल ने अमेरिका के दुश्मनों को दी कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, “जो लोग अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं – इसे अपनी चेतावनी मानें. हम इस दुनिया के हर कोने में उनका पीछा करेंगे. चलिए काम पर लग जाते हैं.”

पटेल के नामांकन का डेमोक्रेट्स ने किया विरोध

काश पटेल को अमेरिकी सीनेट ने 51-49 के मामूली बहुमत से एफबीआई निदेशक के रूप में मंजूरी दी. हालांकि, उनके नामांकन का डेमोक्रेट्स ने कड़ा विरोध किया. यहां तक कि दो रिपब्लिकन सीनेटर, लिसा मुर्कोव्स्की और सुसान कोलिन्स ने भी उनके खिलाफ वोट दिया. सीनेटर कोलिन्स ने कहा कि पटेल ने एफबीआई की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता पर संदेह होता है.

क्रिस्टोफर रे की जगह संभाला ये पद

काश पटेल ने क्रिस्टोफर रे की जगह यह पद संभाला है, जो दो साल पहले ही इस्तीफा दे चुके थे. एफबीआई निदेशक का कार्यकाल 10 साल का होता है, लेकिन उनके दो पूर्ववर्तियों का कार्यकाल समय से पहले समाप्त हो गया था. इससे पहले, 2017 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जेम्स कॉमी को उनके कार्यकाल के चार साल बाद ही हटा दिया था.

लक्ष्य जनता का विश्वास वापस पाना है- काश

निदेशक पद संभालने के बाद पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी पहली पोस्ट की. उन्होंने कहा, “एफबीआई की एक महान विरासत है, लेकिन हाल के वर्षों में न्याय प्रणाली के राजनीतिकरण ने जनता का भरोसा कमजोर किया है. यह अब खत्म होगा.” काश ने एफबीआई को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की बात कही और कहा कि उनका लक्ष्य जनता का विश्वास वापस पाना है.

पटेल के नामांकन को लेकर काफी विवाद हुआ. उनके आलोचकों का कहना है कि उन्होंने एफबीआई को लेकर कई राजनीतिक बयान दिए हैं, जो इस एजेंसी की निष्पक्षता के लिए खतरा हो सकते हैं. हालांकि, ट्रंप समर्थकों और कई रिपब्लिकन नेताओं ने उनका समर्थन किया.

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