UK: एक ऐतिहासिक कदम में, विदेश में रहने वाले लगभग 3.4 बिलियन ब्रिटिश नागरिकों को अब ब्रिटिश चुनावों में वोट देने का अधिकार दोबारा प्राप्त कर सकते है. यह महत्वपूर्ण बदलाव चुनाव अधिनियम 2022 के लागू होने के बाद आया, जो 1928 में हुए बदलाव के बाद से मतदान में सबसे बड़ा बदलाव है जिसमें महिलाओं को पूर्ण मतधिकार देने का अधिकार मिला था.
15 साल के बाद मिला अधिकार
मंगलवार, 16 जनवरी, 2024 से मनमानी 15-वर्षीय मतदान सीमा समाप्त कर दी गई है. अब, दुनिया भर के ब्रिटिश नागरिक, विदेश में रहने की अवधि की परवाह किए बिना, ऑनलाइन मतदान के लिए पंजीकरण करा सकते हैं. यूके सरकार की वेबसाइट को नए अप्रतिबंधित नियमों का उपयोग करके विदेशी मतदाता पंजीकरण की अनुमति देते हुए अद्यतन किया जाएगा. यह पंजीकरण उनके अंतिम यूके पते से जुड़ा होगा, चाहे वह उनका मतदान पंजीकरण हो या निवास. साथ ही, चुनाव आयोग विदेशों में रहने वाले ब्रिटेन नेशनल्स को मतदान के लिए पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ‘ऑल अब्रॉड!’ नामक एक व्यापक विज्ञापन अभियान शुरू करेगा.
मतदाता डाक या प्रॉक्सी वोट के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का होगा विकल्प
पंजीकरण के बाद, प्रवासी मतदाता 3 साल तक मतदाता सूची में बने रहेंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि उनके पास मतदान करने के पर्याप्त अवसर होंगे. इसके अतिरिक्त, पंजीकृत मतदाताओं के पास डाक या प्रॉक्सी वोट के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का विकल्प होगा, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी भागीदारी और बढ़ेगी. यह ऐतिहासिक क्षण ‘वोट्स फॉर लाइफ’ अभियान की परिणति है, जिसे कंजर्वेटिव अब्रॉड द्वारा समर्थित किया गया है, जो विदेशों में रहने वाले ब्रिटिश कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों और समर्थकों का वैश्विक नेटवर्क है. कंजर्वेटिव घोषणापत्र में ‘जीवन के लिए वोट’ लंबे समय से एक प्रतिबद्धता रही है.
माइकल गोव ने व्यक्त किया अपना उत्साह
लेवलिंग अप, आवास और समुदाय विभाग के राज्य सचिव, माइकल गोव एमपी ने अपना उत्साह व्यक्त किया. ‘आज से, दुनिया भर में लाखों ब्रिटिश नागरिक भविष्य के आम चुनावों में वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं और अपने देश पर शासन करने के तरीके में अपनी बात रख सकते हैं.’ गोव ने कहा: ‘रूढ़िवादियों ने एक बार फिर दिखाया है कि हम लोकतंत्र और किसी व्यक्ति के वोट देने के अधिकार की रक्षा करने वाली पार्टी हैं.’
लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने से रोका गया
कंजर्वेटिव अब्रॉड के अध्यक्ष हीथर हार्पर एमबीई ने मताधिकार को बहाल करने के अभियान का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा, ‘विदेश में रहने वाले, कामकाजी और सेवानिवृत्त लाखों लोगों को वोट देने के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने से रोका गया है. ‘यह नया उपाय ब्रिटेन को दुनिया भर में अपने नागरिकों के महत्व को पहचानने में अमेरिका, फ्रांस, इटली और न्यूजीलैंड जैसे लोकतंत्रों के बराबर वापस लाता है.’