QUAD Summit, S Jaishankar: आज यानी सोमवार को ‘क्वाड’ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई. इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ‘क्वाड’ देशों के बीच सहयोग ही यह सुनिश्चित कर सकता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र मुक्त, खुला, स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध बना रहे. आइए जानते हैं ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) देशों के विदेश मंत्रियों के साथ और क्या कुछ बातचीत किए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर…
राजनीतिक समझ मजबूत हो…
दरअसल, जापान की राजधानी टोक्यों में ‘क्वाड’ देशों की बैठक चल रही है. इस विदेश मंत्रियों की बैठक में एस जयशंकर ने कहा कि विश्व की भलाई करने की ‘क्वाड’ की प्रतिबद्धता की गूंज इस क्षेत्र से कहीं अधिक दूर तक सुनाई देती है. उन्होंने ने कहा, ‘‘सिर्फ हमारे बीच सहयोग ही यह सुनिश्चित कर सकता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र मुक्त, खुला, स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध बना रहे. इसलिए यह जरूरी है कि हमारी राजनीतिक समझ मजबूत हो, हमारी आर्थिक साझेदारी आगे बढ़े, हमारे बीच प्रौद्योगिकी सहयोग का विस्तार हो और हमारे लोगों के आपसी रिश्ते गहरे हों. हमारी बैठक से यह स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि ‘क्वाड’ लंबे समय तक टिकने और आगे बढ़ने के लिए है’’.
My opening statement at the Quad Foreign Ministers Meeting in Tokyo.
🇮🇳 🇯🇵 🇦🇺 🇺🇸 pic.twitter.com/pZmji7clSz
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 29, 2024
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री ने चीन को लेकर कही ये बात
वहीं, इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री वोंग ने प्रत्यक्ष रूप से चीन का नाम लिए बिना कहा कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ‘‘संप्रभुता का सम्मान किया जाए और प्रतिस्पर्धा का जिम्मेदारी से प्रबंधन किया जाए.’’ उन्होंने एक ऐसे क्षेत्र के निर्माण के लिए सामूहिक रूप से काम करने का आह्वान किया, ‘‘जहां आकार या ताकत किसी देश के भाग्य का निर्धारण नहीं करती, जहां कोई देश किसी अन्य देश पर हावी ना हो, जहां हम सभी अपनी आकांक्षाओं को साझा करें और उन आकांक्षाओं को साकार करने के लिए विकल्प उपलब्ध हों. मैंने पिछले दो वर्ष में हिंद-प्रशांत के इस दृष्टिकोण के प्रति ‘क्वाड’ की प्रतिबद्धता देखी है.’’
‘यह आसान समय नहीं है’
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘‘यह आसान समय नहीं है. एक बड़ी चुनौती वैश्विक आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करना है, साथ ही इसे जोखिम मुक्त करना भी है. आपूर्ति शृंखला को लचीला बनाने पर उसी तरह ध्यान केंद्रित करना है, जैसे हम विश्वसनीय और पारदर्शी डिजिटल साझेदारी के लिए प्रयास करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी के विकास ने असाधारण आयाम हासिल कर लिए हैं, जिससे हमारे जीने, सोचने और काम करने के तरीके में बहुत संभावनाएं पैदा हो गई हैं. एक तरह से हम पुनः वैश्वीकरण के दौर में हैं. यह केवल हमारे सामूहिक प्रयास ही हैं, जो अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को मानव-निर्मित या प्राकृतिक व्यवधानों से बचा सकते हैं.’’
A great start this morning meeting Australian FM @SenatorWong in Tokyo.
Spoke about further steps to intensify our bilateral ties including in security, trade and education. Also discussed deepening our practical cooperation across the Indo-Pacific.
Look forward to continuing… pic.twitter.com/2W2dPCHkl0
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 29, 2024
‘क्वाड’ में शामिल हैं ये देश
ज्ञात हो कि भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर नवंबर 2017 में ‘क्वाड’ की स्थापना की थी. इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करना है. ‘क्वाड’ देशों के विदेश मंत्रियों की यह बैठक रूस-यूक्रेन संघर्ष और हमास-इजराइल शत्रुता के बीच हो रही है. इस बैठक में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों के विश्व के विभिन्न हिस्सों में हो रही भू-राजनीतिक उथल-पुथल के परिणामों पर चर्चा करने की संभावना है.