राष्ट्रपति ट्रंप और मस्क का कर्मचारियों के खिलाफ बड़ा एक्शन, बेरोजगार हुए 10 हजार लोग

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Trump Administration: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उद्योगपति एलन मस्क ने सरकारी कर्मचारियों पर ब़ड़ा एक्शन लिया है. अभी ट्रंप को राष्‍ट्रपति बने एक महीने भी नहीं हुए कि अमेरिका में करीब 10 हजार लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है. साथ ही रिपोर्ट के अनुसार, यह सभी बेरोजगार हुए लोग वो थे जिनको काम करते हुए 2 साल से भी कम समय हुआ था. ट्रंप प्रशासन में सरकारी खर्च को कम करने के उद्देश्‍य से यह अभियान चलाया जा रहा है. आगे भी सैकड़ों कर्मचारियों पर खतरा मंडरा रहा है.

75 हजार कर्मचारियों ने स्‍वीकारा बायआउट

अमेरिका में गुरुवार और शुक्रवार को 9,500 कर्मचारियों को बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया. वहीं लगभग 75 हजार कर्मचारियों ने नए प्रशासन के तहत बायआउट स्वीकार कर लिया है. यह कुल अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों का करीब 3 प्रतिशत है. अमेरिका में 23 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी हैं. बायआउट के तहत कर्मचारी कुछ ही महीने में कंपनी को खुद ही इस्तीफा सौंप देंगे और इस बीच कुछ और महीने उन्हें सैलरी मिलती रहेगी. यह सभी लोग इस बात पर राजी हुए हैं कि वो इस साल के लास्‍ट तक ऑफिस से इस्तीफा दे देंगे.

अमेरिकी सरकार पर कर्ज

ट्रंप के फैसले का सबसे बड़ा असर कुछ संघीय एजेंसियों पर देखने को मिला है. इनमें होमलैंड सुरक्षा केंद्र, साथ ही राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन (NNSA) शामिल हैं. डोनाल्ड ट्रंप का तर्क है कि संघीय सरकार बहुत बड़ी है और सरकारी कर्मचारियों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसी वजह से अमेरिकी सरकार पर वर्तमान में 36 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है और पिछले वर्ष 1.8 ट्रिलियन डॉलर का घाटा हुआ था.

किन एजेंसी पर हुआ असर? 

ट्रंप के इस फैसले से सबसे ज्यादा असर डिपार्टमेंट ऑफ इंटीरियर पर पड़ा है. एजेंसी ने 2,300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इस विभाग में 70,000 कर्मचारी काम करते हैं. वहीं डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी में 1,200 से 2 हजार कर्मचारियों को बाहर किया गया है. डिपार्टमेंट में 14 हजार कर्मचारी और 95 हजार ठेकेदार हैं. डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर:इस डिपार्टमेंट ने 3,400 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है. इस विभाग में 1 लाख से अधिक लोग काम करते हैं.

क्‍यों बाहर हो रहे कर्मचारी? 

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति बनते ही दिग्‍गज बिजनेसमैन एलन मस्क को ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट इफिशिएंसी’ का प्रमुख बनाया था. यह एक तरह का अस्थायी विभाग है, जिसे ट्रंप ने केवल इस उद्देश्‍य से बनाया है ताकि सरकार की फिजूलखर्ची कम की जा सके और एडवांस तकनीकों के माध्‍यम से सरकारी कामकाज में दक्षता ज्यादा से ज्यादा बढ़ाई जा सके. इस विभाग की सलाह पर ही भारी संख्या में केंद्रीय कर्मचारियों की छुट्टी हो रही है.

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