Tulsi Gabbard National Intelligence Director: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नामित तुलसी गबार्ड संयुक्त राज्य अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर बन चुकी हैं. अमेरिकी सीनेट ने बुधवार को पूर्व प्रतिनिधि तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस को डायरेक्टर के रूप में मंजूरी दे दी है. कांग्रेस की ऊपरी सदन ने तुलसी गबार्ड की पुष्टि के लिए 52-48 के अंतर से मतदान किया है. हालांकि इस दौरान केंटकी के रिपब्लिकन सीनेटर मिच मैककोनेल ने गबार्ड के पुष्टिकरण का विरोध करते हुए डेमोक्रेट्स का साथ दिया था.
इस दौरान मिच मैककोनेल ने तुलसी गबार्ड के खिलाफ वोट करने के बाद कहा कि उनके द्वारा निर्णय लेने में खतरनाक चूक का इतिहास रहा है. जबकि दूसरी ओर मेन के सीनेटर सुसान कोलिन्स, अलास्का की लिसा मुर्कोव्स्की और इंडियाना के टॉड यंग सहित कई प्रमुख स्विंग सीनेटरों ने तुलसी गबार्ड का समर्थन किया है.
इस मामले में भारतीय मूल की पहली हिंदू नेता
बता दें कि 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण के बाद तुलसी गबार्ड 14वीं नामित उम्मीदवार हैं, जिनकी सीनेट से पुष्टि हुई है. इस पुष्टि के साथ ही तुलसी गबार्ड अमेरिका की खुफिया एजेंसी का नेतृत्व करने वाली भारतीय मूल की पहली हिंदू नेता बन गई है.
18 खुफिया एजेंसियों का नेतृत्व करेंगी तुलसी गबार्ड
रिपोर्ट के अनुसार, खुफिया एजेंसी की निदेशक के रूप में तुलसी गबार्ड सीआईए (CIA), एफबीआई (FBI) और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) समेत 18 खुफिया एजेंसियों का नेतृत्व करेंगी और करीब 70 बिलियन डॉलर के बजट का प्रबंधन करेंगी. अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर बनने के बाद तुलसी गबार्ड ने सीनेटरों से कहा कि काफी लंबे समय से दोषपूर्ण, अपर्याप्त और हथियारबंद खुफिया जानकारी के कारण अमेरिका को कई विफलताएं मिली हैं और हमारी देश की सुरक्षा को भी नुकसान पहुंचा है.”
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