तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की चेतावनी, इजराइल को नहीं रोका तो…, मुस्लिम देशों को भी बनाएगा निशाना!

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Turkish President Erdogan: इजराइल द्वारा हिजबुल्लाह पर जारी लगातार हमले के बीच तुर्की के राष्ट्रपति तैय्य एर्दोगन का बड़ा बयान सामने आया है. तुर्की के राष्ट्रपति ने फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह आतंकवादियों को निशाना बनाकर किए गए हालिया हमलों पर इजराइल की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र में सभी की शांति के लिए, हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मुस्लिम दुनिया से एकजुट होने का आह्वान करते हैं. क्योंकि, अगर इसे जल्द नहीं रोका गया तो इजराइल के हमले मुस्लिम देशों को भी निशाना बनाएंगे.

तुर्की के राष्ट्रपति तैय्य एर्दोगन ने सोमवार को कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) गाजा और लेबनान में इजराइल के हमलों को रोकने में विफल रहती है, तो संयुक्त राष्ट्र महासभा को 1950 में पारित एक प्रस्ताव के तहत बल प्रयोग की सिफारिश करनी चाहिए. फिलहाल तुर्की ने इज़राइल के साथ सभी व्यापार रोक दिए हैं और इंटरनेशनल कोर्ट में इजराइल के खिलाफ नरसंहार मामले में शामिल होने के लिए आवेदन किया है. जिसे इजराइल ने खारिज कर दिया है.

बल प्रयोग की सिफारिश करे UN

अंकारा में एक कैबिनेट बैठक के बाद एर्दोगन ने कहा कि यदि सुरक्षा परिषद आवश्यक इच्छाशक्ति नहीं दिखा पाती है, तो संयुक्त राष्ट्र महासभा को बल के उपयोग की सिफारिश करने के अधिकार को तेजी से लागू करना चाहिए. जैसा कि उसने 1950 में शांति के लिए एकजुट होने के प्रस्ताव के साथ किया था.

अंतरराष्ट्रीय शांति बनाए रखने में विफल

प्रस्ताव में कहा गया है कि सुरक्षा परिषद की पांच स्थायी वीटो अधिकार शक्तियों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका के बीच असहमति का मतलब है कि वे अंतरराष्ट्रीय शांति बनाए रखने में विफल रहते हैं, तो संयुक्त राष्ट्र महासभा हस्तक्षेप कर सकती है. सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र संस्था है जो आम तौर पर बल प्रयोग को अधिकृत करने और प्रतिबंध लगाने जैसे कानूनी रूप से बाध्यकारी निर्णय ले सकती है.

मुस्लिम देशों को भी बनाएंगे निशाना

एर्दोगन ने यह भी कहा कि मुस्लिम देशों को इजराइल के खिलाफ अधिक सक्रिय रुख अपनाने में विफल होते देखकर उन्हें दुख हुआ. उन्होंने उनसे युद्धविराम को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के लिए इजराइल के खिलाफ आर्थिक, राजनयिक और राजनीतिक उपाय करने का आग्रह किया. एर्दोगन ने कहा कि हमारे क्षेत्र में मुस्लिम से यहूदी और ईसाई तक सभी की शांति के लिए, हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मुस्लिम दुनिया से एकजुट होने का आह्वान करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर इसे जल्द नहीं रोका गया तो इजराइल के हमले मुस्लिम देशों को भी निशाना बनाएंगे.

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