Turkiye: तुर्किये में पिछले 40 वर्षों से चल रही जंग अब थम गई है. देश के सबसे बड़े उग्रवादी संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी या पीकेके ने युद्धविराम का ऐलान किया है. पार्टी का यह ऐलान इसके नेता अब्दुल्ला ओकलान के उस बयान के दो दिन बाद सामने आया है, जिसमें ओकलान ने समूह के लड़ाकों से हथियार डालने और समूह को खत्म करने की अपील की थी. बता दें कि अब्दुल्ला ओकलान साल 1999 से ही जेल में बंद हैं.
दरअसल, शनिवार को पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा कि ‘हम आज से युद्धविराम का ऐलान करते हैं, जिससे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक समाज के लिए रास्ता साफ हो सके. उन्होंने कहा कि जब तक हमला नहीं होगा, तब तक हमारे बल हथियार नहीं उठाएंगे.’
1984 में शुरू हुई थी तुर्किये और पीकेके के बीच जंग
बता दें कि तुर्किये और पीकेके के बीच साल 1984 से ही युद्ध जारी है, जिसमें अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है. हालांकि इससे पहले भी साल 2015 में तुर्किये की सरकार और कुर्दिश संगठन के बीच बातचीत की कोशिश हुई थी, लेकिन वो कामयाब नहीं हो सकीं.
अलग देश की मांग को लेकर हुई थी पीकेके की शुरुआत
युद्धविराम का ऐलान करते हुए पीकेके ने कहा कि ओकलान का बयान ये संकेत देता है कि कुर्दिस्तान और मध्य पूर्व में नई एतिहासिक प्रक्रिया शुरू हो गई है. दरअसल, कुर्दिश लोग तुर्किये, इराक, सीरिया और ईरान में रहते हैं. वहीं, तुर्किये में कुर्दों की आबादी एक करोड़ से ज्यादा है. ऐसे में कुछ कुर्द लोगों ने तुर्किये में खुद के लिए अलग देश की मांग को लेकर पीकेके की शुरुआत की थी. वहीं, अब पीकेके ने ओकलान को जेल से रिहा करने की भी अपील की है, जिससे जब पीकेके के लड़ाके हथियार डालें तो उस कार्यक्रम में ओकलान भी मौजूद रहें.
वहीं, गुरुवार को ओकलान ने गुरुवार को जेल से जारी अपनी अपील में कहा था कि ‘तुर्किये सरकार द्वारा कुर्दों के अधिकारों पर रोक लगाई जा रही थी, इसके जवाब में पीकेके का गठन किया गया था, लेकिन उस समय से अब तक कुर्दों के अधिकारों में इजाफा हुआ है. अब संगठन ने अपनी उम्र पूरी कर ली है और अब इसे खत्म कर दिया जाना चाहिए.’
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