UAE Become Migration Center: इस समय सयुक्त अरब अमीरात अमीरों के रहने का ठिकाना बना हुआ है. दुनियाभर के ज्यादातर करोड़पति अपने देशें के छोड़कर यूएई में रहना पसंद कर रहे है. इसमें भारतीय करोड़पति भी शामिल है.
दरअसल, इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन फर्म हेनले एंड पार्टनर्स के अनुमान के के मुताबिक, इस साल यानी 2024 में करीब 6,800 भारतीय करोड़पति देश छोड़कर जा सकते हैं. वहीं, पिछले साल लगभग 5,100 भारतीय करोड़पति दूसरे देशों में जाकर बसे थें. इन करोड़पतियों में वे शामिल है जिनके पास कम से कम 10 लाख डॉलर यानी की 8.3 करोड़ रुपए की संपत्ति है.
करोड़पतियों के मामले में चौथे नंबर पर भारत
माइग्रेशन सेंटर के रूप में संयुक्त अरब अमीरात दुनिया के तीसरे नंबर का देश है. जिसमें पहले नंबर पर अमेरिका, जबकि दूसरे पर सिंगापुर है. वहीं, अरबपतियों की लिस्ट में दुनियाभर में भारत का नाम तीसरे नंबर पर है. इसके अलावा 100 मिलियन डॉलर की प्रॉपर्टी वाले 1,044 लोगों के साथ भारत करोड़पतियों के मामले में पूरी दुनिया में चौथे नंबर पर आता है. जिसमें पहले स्थान पर अमेरिका, दूसरे पर जर्मनी और तीसरे पर चीन है.
करोड़पतियों के प्लायन से भारत को नहीं होगा कोई नुकसान
वहीं, एक रिपोर्ट की मानें तो भारतीय करोड़पतियों का दूसरे देश में जाना कोई चिंता की बात नहीं है क्योंकि माइग्रेशन से होने वाले नुकसान के मुकाबले भारत कहीं अधिक नए HNWI बनाना जारी रख सकता है. हालांकि दुनियाभर में माइग्रेशन की की बात करें तो चीन और ब्रिटेन के बाद भारत का नंबर आता है, जिसके करोड़पति दूसरे देश में जाकर बस रहे हैं.
क्यों करते हैं पलायन?
ऐसे में सवाल ये है कि देश के करोड़पति दूसरे देशों में पलायन क्यों कर रहे है? एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाय नेट वर्थ वाले परिवार सुरक्षा के चलते स्थानांतरण करना पसंद करते हैं. वहीं कुछ टैक्स बेनिफिट के चलते. दरअसल, ज्यादातर लोग रिटायरमेंट के बाद बेहतर बिजनेस ऑपच्यरुनिटी, बेहतर जीवन शैली, बच्चों की पढ़ाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य और क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए माइग्रेशन करना पसंद करते हैं. ऐसे में उनके लिए यूएई एक परफेक्ट ऑप्शन होता है क्योंकि वहां टैक्स की दरों में काफी छूट मिलती है और बिजनेस के लिए माहौल काफी बेहतर है.