UAE में बांग्लादेशियों को हंगामा करना पड़ा भारी, कोर्ट ने सुनाई कारावास की सजा

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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UAE Bangladeshis Protest: बांग्लादेश में इन दिनों आरक्षण को लेकर हिंसक प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. इस हिंसक प्रदर्शन में कई लोगों की जान गई है तो कई लोग घायल हुए हैं. बांग्लादेश के आरक्षण का मुद्दा सिर्फ यहीं तक नहीं सीमित है, बल्कि आरक्षण का मुद्दा संयुक्त अरब अमीरात जा पहुंचा है. दरअसल, बांग्लादेशियों ने संयुक्त अरब अमीरात में अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. जिसके बाद यूएई प्रशासन द्वारा इन्हें गिरफ्तार कर इनके खिलाफ सख्त कदम उठाया है.

प्रदर्शनकारियों को कारावास की सजा

बता दें कि यूएई में भारतीय और पाकिस्तानियों के अलावा बांग्लादेशी प्रवासी सबसे ज्यादा रहते हैं. बांग्लादेश में हो रहे आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन के सपोर्ट में यूएई में भी बांग्लादेशी प्रवासी प्रदर्शन करने लगे. जिसके बाद कई बांग्लादेशी प्रवासियों को गिरफ्तार कर लिया गया. क्योंकि, यूएई में प्रदर्शनों को बैन किया गया है. वहीं, अब संयुक्त अरब अमीरात की एक अदालत ने दर्जनों बांग्लादेशियों को अपने देश की सरकार के खिलाफ यहां प्रदर्शन करने पर कारावास की सजा सुनाई है. इनमें से तीन को उम्रकैद की सजा दी गई है.

सजा पूरी होने पर कर दिया जाएगा निष्कासित

यूएई की सरकारी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम की खबर के मुताबिक अबू धाबी की संघीय अपीलीय अदालत ने रविवार को 53 बांग्लादेशियों को 10-10 साल कारावास, एक बांग्लादेशी को 11 साल कारावास और तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने इन बांग्लादेशियों को सजा पूरी होने के बाद देश से निष्कासित करने का भी आदेश दिया है.

जानिए क्यों मिली सजा

डब्ल्यूएएम ने खबर दी, ‘‘अदालत ने उन गवाहों को सुना जिन्होंने पुष्टि की कि आरोपी बांग्लादेश सरकार के फैसले के खिलाफ बड़ी संख्या में एकत्र हुए एवं यूएई की कई सड़कों पर विशाल जुलूस निकाला,’’ जिसके बाद यूएई के अधिकारियों ने शनिवार को गिरफ्तार बांग्लादेशियों के खिलाफ जांच करने और उनके मामलों की सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया था.

जानिए क्या बोले यूएई के अधिकारी

यूएई की मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, सभी गिरफ्तार प्रवासियों पर सार्वजनिक स्थान पर इकट्ठा होकर अशांति भड़काने के इरादे से अपनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का आरोप लगाया गया है. यूएई में राजनीतिक दल या मजदूर संघ बनाने पर रोक है और बड़े पैमाने पर कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बंदिशें लगाता है.

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