UAE Warning to Pakistan: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में नौकरी के लिए बड़ी संख्या में भारतीय और पाकिस्तानी जाते हैं. लेकिन अब दुबई में रहने वाले पाकिस्तानियों को यूएई ने चेतावनी दी है कि वे दुबई में जाकर अपने लोगों के खिलाफ नकारात्मकता न फैलाएं. दरअसल, इस समय पाकिस्तान कई तरह के संकटों से घिरा है. ऐसे में समस्याओ से परेशान पाकिस्तानी विदेशों में जाकर अपने देश की पोल खोलते हैं. अपने ही देश के प्रति नकारात्मक प्रचार को लेकर यूएई ने चेतावनी दी है.
कराची में यूएई के महावाणिज्य दूत बखित अतीक अल-रेमीथी ने यूएई में रहने वाले पाकिस्तानियों से अपने राष्ट्र, उसके संस्थानों या राजनेताओं के खिलाफ नकारात्मक प्रचार न करने को कहा है. अल-रेमीथी ने कहा कि ऐसे लोगों को पहले मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. फिर जेल की सजा भी हो सकती है.
…ऐसे पाकिस्तानियों को नहीं मिलेगा वीजा
महावाणिज्य दूत ने कहा कि यूएई में रहने वाले या वहां जाने वाले पाकिस्तानियों के तरफ से सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के खिलाफ नकारात्मक प्रचार देखा गया है, जिसके लिए कई लोगों को अरेस्ट किया गया है. उन्हें 14 से 15 साल की जेल की सजा भी सुनाई गई है. वहीं पांच से अधिक पाकिस्तानियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जबकि उनमें से अधिकतर को वापस भेज दिया गया. उन्होंने वॉर्निंग दी कि ऐसे पाकिस्तानियों को यूएई सहित खाड़ी देशों का वीजा नहीं मिलेगा और वे वहां नहीं जा पाएंगे.
दुबई में न लाएं राजनीतिक मतभेद
यूएई के महावाणिज्य दूत बखेत अतीक अल-रेमीथी ने कहा कि कई धर्मों और राष्ट्रीयता वाले लगभग 200 देशों के लोग यूएई में शांतिपूर्ण ढंग से रहते हैं. यहां 18 लाख के करीब पाकिस्तानी रहते हैं. उन्होंने पाकिस्तानियों से कहा कि वह अपने राजनीतिक मतभेद दुबई में न लाएं. वहीं उनसे ये पूछने पर कि क्या पाकिस्तान के वीजा को लेकर किसी तरह की रोक है, तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तानियों को न सिर्फ वीजा दिया जा रहा है, बल्कि वाणिज्य दूतावास हर संभव सहायता भी प्रदान कर रहा है. ‘
सोशल मीडिया से पहुंच सकते हैं जेल
अतीक अल-रेमीथी ने कहा कि उन्हें नकारात्मकता वाले किसी भी मामले को सोशल मीडिया पर शेयर करने या फॉरवर्ड करने से बचना चाहिए. यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कानून के अनुसार, सख्त एक्शन लिया जाएगा. दरअसल पाकिस्तान में कुछ लोग नवाज शरीफ तो कुछ इमरान खान के पक्ष में हैं. वहीं कुछ लोग सेना के पक्ष में तो कुछ सेना के विरूद्ध हैं. जब ये लोग यूएई जाते हैं तो खुलकर अपने विचार शेयर करते हैं. लेकिन संयुक्त अरब अमीरात नहीं चाहता कि पाकिस्तान के राजनीतिक मतभेद उसके देश तक पहुंचे.
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