UK Government: साल 1990 में कुवैत में बंधक बनाएं गए ब्रिटिश एयरवेज विमान के यात्रियों और क्रू मेंबर्स ने यूके सरकार और एयरलाइन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है. बंधक बनाएं गए यात्रियों में से 94 यात्रियों ने लंदन के हाईकोर्ट में एक नागरिक दावा दायर किया है. जिसमें ब्रिटेन की सरकार और बीए फ्लाइट पर नागरिकों को जानबूझकर खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है. इस बात की जानकारी मैक्यू जूरी एंड पार्टनर्स ने दी है.
ब्रिटेन सरकार पर लगा आरोप
वहीं कानूनी फर्म का इस मामले को लेकर कहना है कि सभी दावेदारों को इस परिस्थिति के दौरान शारीरिक और मानसिक क्षति हुई, जिसका प्रभाव आज भी महसूस किए जाते है. यात्रियों की ओर से लगाए गए आरोपों में ये भी दावा किया गया है कि यूके सरकार और एयरलाइन को पता था कि आक्रमण शुरू हो गया है लेकिन फिर भी विमान को उतरने की अनुमति दी गई।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 1990 में इराक के तत्कालीन नेता सद्दाम हुसैन ने कुवैत पर आक्रमण किया था. इस आक्रमण के कुछ घंटो बाद 2 अगस्त को कुआलालंपुर जा रहे विमान से जब बीए फ्लाइट 149 खाड़ी राज्य में उतरी तो उसमें सवार लोगों को उतार दिया गया.
चार महीने से अधिक समय तक कैद में रहें यात्री
जिसके बाद 367 यात्रियों और क्रू मेंबर्स में से कुछ लोगों ने चार महीने से भी अधिक समय कैद में बिताया. इन्हें पहले खाड़ी युद्ध के दौरान इराकी तानाशाह के सैनिकों पर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के हमलों से बचाने के लिए मानव ढाल के तौर पर इस्तेमाल किया गया.
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