UK News: ब्रिटेन की अदालत ने 3 स्कूली छात्राओं की हत्या मामले में दोषी करार एक 18 साल के लड़के को कठोर सजा सुनाई गई है. अदालत ने लड़के को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जिस वक्त लड़के ने अपराध की थी, तब वह नाबालिग था. उसकी उम्र महज 17 साल थी. हालांकि सजा सुनाए जाने के दौरान उसकी उम्र 18 साल हो चुकी है. इतनी कम उम्र में उसने दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया था, जिसके वजह से अदालत ने उसे इतनी कड़ी सजा दी है. साथ ही वो 52 साल की न्यूनतम सजा काटने के बाद ही पैरोल के लिए अप्लाई कर सकता है.
पिछले साल तीन छात्राओं की हत्या
बता दें कि पिछले साल जुलाई में उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड के साउथपोर्ट में टेलर स्विफ्ट थीम पर आधारित योग और नृत्य कार्यशाला में युवक ने 3 स्कूली छात्राओं की चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी. उस समय उसकी उम्र 17 साल थी. उसने अपना अपराध स्वीकार भी कर लिया था. हत्या मामले में गुरुवार को 18 साल के अपराधी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. अपराधी एक्सल रुदाकुबाना ने यह भी स्वीकार किया कि उसने साउथपोर्ट के हार्ट स्पेस में योग प्रशिक्षक लीन लुकास और व्यवसायी जॉन हेस के साथ ही सात से 13 वर्ष की आयु के आठ अन्य बच्चों की हत्या की कोशिश की थी.
न्यायमूर्ति जूलियन गूज ने कहा…
लिवरपूल क्राउन कोर्ट में सजा पर सुनवाई की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति जूलियन गूज ने कहा कि अगर हमले के समय रुदाकुबाना की उम्र 18 साल होती तो उसे आजीवन कारावास की सजा मिलती, जिसका अर्थ होता कि उसकी रिहाई की कोई उम्मीद ही नहीं होती. न्यामूर्ति गूज ने कहा कि उसे अपनी पूरी जिंदगी जेल में ही गुजारनी पड़ेगी. कहा कि मुझे लगता है कि संभवत: उसे कभी रिहा नहीं किया जाएगा और वह अपनी पूरी जिंदगी हिरासत में ही रहेगा.
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