Ukraine Agreement Terms: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की. डोनाल्ड ट्रंप की एक फोन कॉल से तीन साल से चली आ रही रूस यूक्रेन युद्ध के रुकने की उम्मीद बढ़ गई है. दरअसल, ट्रंप ने कहा कि उनकी पुतिन के साथ यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की सहमति बन गई है. यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की भी शांति के पक्ष में हैं. इसी बीच एक खबर सामने आई है कि यूक्रेन की सरकार ने उन शर्तों को तैयार करना शुरू कर दिया है, जिसके तहत समझौता किया जाएगा.
किन शर्तों के साथ समझौता करेगा यूक्रेन?
बता दें कि ट्रंप ने गुरुवार को जल्द ही जेलेंस्की से मुलाकात की बात कही है. कहा जा रहा है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात में कुछ शर्तें सामने रखेंगे. यूक्रेनी अखबार द कीव इंडिपेंडेंट के मुताबिक, यूक्रेन ने सबसे पहले यह तय किया है कि वो कब्जे वाले जमीन को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं देगी. यानी रूस ने अब तक के युद्ध में जितने यूक्रेनी जमीन पर कब्जा किया है, उसे यूक्रेन मान्यता नहीं देगा. रूस ने यूक्रेन के 6 प्रांत क्रीमिया, खेरसॉन, ज़ापोरिज्जिया, डोनेट्स्क और लुगांस्क के साथ ही ओब्लास्ट पर भी अपना नियंत्रण कर लिया है.
अपने जमीन को वापस पाना चाहता है यूक्रेन
यूक्रेन इन प्रांतो को वापस पाने की कोशिश में है. जानकारों के अनुसार, राष्ट्रपति जेलेंस्की रूस को उसका कुर्स्क ओब्लास्ट वापस कर अपना प्रांत वापस ले सकते हैं. अखबार ने वहां के एक विपक्षी नेता वोलोडिमिर आर्येव के हवाले से बताया है कि यूक्रेन दो चीजों पर समझौता नहीं कर सकता है.
पहला सैन्य अभ्यास जारी रखने और हथियार बढ़ाने की पाबंदी से संबंधित है. यूक्रेन को डर है कि इस तरह की प्रतिबंध लगाकर रूस उसके साथ खेल कर सकता है. वहीं जमीन को लेकर भी यूक्रेन समझौते नहीं करना चाहता है. मतलब कि समझौता होगा या नहीं, और अगर होगा तो कब, यह इन दो शर्तों पर रूस का रूख ही तय करेगा.
नाटो की सदस्यता पर क्या चाहता है यूक्रेन
जानकारी दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू होने की सबसे बड़ी वजह ‘नाटो की सदस्यता’ थी. यूक्रेन नाटो का हिस्सा बनना चाहता था. लेकिन रूस इसके खिलाफ था. अब कहा जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप इसको लेकर पेच फंसा सकते हैं. यूक्रेन चाहता है कि अमेरिका नाटो को लेकर अभी कोई ऐलान न करे. अगर अमेरिका कहता है कि वह यूक्रेन को नाटो की सदस्यता नहीं देगा तो इससे पूरी दुनिया में उसकी बेइज्जती होगी. ज़ेलेंस्की फिलहाल इससे बचने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उनके ही देश में उनके खिलाफ माहौल न बने.
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