UN: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने लेबनान में हिजबुल्लाह और इजरायली बलों के बीच सीमा पार गोलीबारी में वृद्धि और आतंकवादी समूह के सदस्यों को निशाना बनाने वाले घातक वायरलेस डिवाइसों में ब्लास्ट के बाद आपातकालीन सत्र की बैठक की. इस दौरान लेबनान और इजरायल के बीच की सीमा पर हो रहे हिंसा को लेकर चिंता जताई गई.
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र की राजनीतिक और शांति स्थापना मामलों की अपर महासचिव रोजमेरी डिकार्लो ने कहा कि करीब एक साल से लेबनान और इजरायल के बीच की सीमा पर हिंसा हो रही है, जो काफी चिंता जनक है. साथ ही दोनों तरफ से की जा रही गोलीबारी भी संघर्ष विराम के निर्देश का बार-बार उल्लंघन है.
लेबनान ने इजरायल पर लगाया आतंवाद का आरोप
वहीं, लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बो हबीब ने इजरायल पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस आतंकवादी आक्रमण के माध्यम से इजरायल ने अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन किया है. उसने हमले के माध्यम से निर्दोष लोगों को निशाना बनाया है. इस दौरान उन्होंने सवाल किया कि जब निर्दोष लोग अपने दैनिक जीवन में व्यस्त हों और मोर्चे पर न लड़ रहे हों, तब उन पर हमला करना क्या आतंकवाद नहीं है?
इजरायल पर बरसे कुल 8,000 से अधिक रॉकेट
इसी बीच सीरिया के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि लेबनानी लोगों के खिलाफ आक्रामकता और जारी आतंकवाद की सीरिया निंदा करता है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि डैनी डैनन ने कहा कि इजरायल युद्ध नहीं चाहता है. 7 अक्टूबर को जब दक्षिण में इजरायली नागरिकों का हमास द्वारा ‘कत्लेआम’ किया जा रहा था, तब हिजबुल्लाह ने उत्तर में नागरिकों पर सैकड़ों रॉकेट दागे और तक से अब तक इजरायल पर कुल 8,000 से अधिक रॉकेट ‘बरसे’ हैं, जिनमें 46 लोग मारे गए हैं और 294 अन्य घायल हुए हैं.
ब्लू लाइन पर बढ़ रहा तनाव
डैनी डैनन ने कहा कि इजरायल का मकसद ‘हमारी उत्तरी सीमाओं पर सुरक्षा बहाल करना’ और ‘हमारे लोगों को घर वापस लाना’ है. वहीं, संयुक्त राष्ट के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि हम ब्लू लाइन पर बढ़ते तनाव से बहुत चिंतित हैं, जिसमें आज बेरूत में हुआ घातक हमला भी शामिल है.
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