यूनेस्को का दावा, अफगानिस्तान में 14 लाख लड़कियों के स्कूल जाने पर लगा प्रतिबंध

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Taliban Rule In Afghanistan: अफगानिस्‍तान में तालिबानी सत्‍ता की वापसी के बाद से महिलाओं की स्थिति दिन ब दिन बदतर होती जा रही है. साल 2021 से लेकर अब तक इस देश की कम से कम 14 लाख लड़कियों के स्‍कूल जाने पर बैन लग चुका है. संयुक्त राष्ट्र की कल्चरल एजेंसी यूनेस्को की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में एक पूरी पीढ़ी का भविष्य खतरे में है. पिछले महीने अफगानिस्‍तान में तालिबान शासन के तीन साल पूरे हुए थे.  इन तीन साल के दौरान यहां 11 लाख से अधिक लड़के-लड़कियां स्कूल जाना छोड़ चुके हैं.

शिक्षा के लिए दो दशकों की लगातार प्रगति खत्म

यूनेस्को का कहना है कि तीन साल के तालिबान शासन ने 14 लाख लड़कियों को माध्यमिक शिक्षा तक पहुंचने से रोक दिया है, जिससे अफगानिस्तान में शिक्षा के लिए दो दशकों की लगातार प्रगति खत्म हो गई है.  एजेंसी का कहना है कि तालिबान ने अफगानिस्तान की पूरी की पूरी पीढ़ी का भविष्य दांव पर लगा दिया है.

ऐसा करने वाला अकेला देश

जानकारी दें कि अफगानिस्तान दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जहां लड़कियों को सेकंडरी स्कूल और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने नहीं दिया जाता. तालिबान प्रशासन को दुनिया के किसी भी देश से मान्यता नहीं प्राप्‍त है. इसने महिलाओं पर जो बैन लगाए हैं उसे संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने लैंगिक भेदभाव कहा है. वर्ष 2021 के बाद से ही अफगानिस्तान में करीब 14 लाख लड़कियों से स्कूल जाने का अधिकार छीन चुका है. बता दें कि पिछले साल हुई काउंटिंग के मुकाबले इस साल यह संख्या 3 लाख अधिक हुई है.

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