UNGA: संयुक्त राष्ट्र महासभा में गुरुवार को एक प्रस्ताव पेश किया गया, जिसमें रूस यूक्रेन के खिलाफ अपनी आक्रामकता को तुरंत रोके और जापोरिझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र से अपनी सेना व अन्य अनधिकृत कर्मियों को तुरंत बिना शर्त वापस बुलाने की मांग की गई. इस प्रस्ताव पर भारत ने अपना तटस्थ बरकरार रखा और इस प्रस्ताव से दूरी बनाए रखी. मसौदा प्रस्ताव यूक्रेन द्वारा पेश किया गया था.
60 लोगों ने नहीं लिया हिस्सा
बता दें कि गुरूवार को हुए 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. क्योंकि 193 में से 99 लोगों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया. वहीं, बेलारूस, क्यूबा, उत्तर कोरिया, रूस और सीरिया समेत नौ इसके खिलाफ थे. इसके अलावा, भारत, बांग्लादेश, भूटान, चीन, मिस्र, नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका सहित 60 देशों ने मतदान में भाग ही नहीं लिया.
कोई गलती न करें
यूक्रेन के इस प्रस्ताव पर मतदान से पहले रूस के प्रथम उप स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोलिंस्की ने कहा कि आज से पहले महासभा ने दुर्भाग्य से ऐसे कई दस्तावेजों को स्वीकार कर लिया है, जो गैर-सहमतिपूर्ण, राजनीतिक हैं और सच्चाई को नहीं दिखाते है. उन्होंने कहा कि कोई गलती ना करें. आज के मसौदे के पक्ष में वोट कीव, ब्रुसेल्स, वाशिंगटन और लंदन द्वारा यूक्रेनी संघर्ष को और बढ़ाने की उनकी नीति के समर्थन के सबूत के रूप में माना जाएगा, जो संघर्ष का शांतिपूर्ण, टिकाऊ और दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक समझदार हिस्से द्वारा उठाए गए कदमों के नुकसान के लिए है.
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