United Nations: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गाजा में तत्काल संघर्ष विराम की मांग वाले प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है. इस प्रस्ताव में गाजा में तत्काल, बिना शर्त और स्थायी युद्ध विराम की मांग तथा बिना शर्त रिहाई पर जोर दिया गया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को भारी बहुमत से मंजूरी दी है. इसके साथ ही फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी का समर्थन किया.
बता दें कि ‘‘गाजा में संघर्ष’’ विषयक मसौदा प्रस्ताव इंडोनेशिया की ओर से 193 सदस्यीय महासभा में बुधवार को पेश किया गया जिस पर वोटिंग हुई है. वहीं, अल्बानिया और यूक्रेन सहित 13 देशों ने इस प्रस्ताव पर मतदान प्रक्रिया से दूरी बनाए रखी. वहीं, भारत उन 158 देशों में शामिल रहा, जिन्होंने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि इजरायल और अमेरिका सहित नौ देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया.
प्रस्ताव में की गई ये मांग
इस प्रस्ताव में मांग की गई कि सभी पक्ष सुरक्षा परिषद के जून 2024 के प्रस्ताव के सभी प्रावधानों को पूरी तरह से बिना शर्त और बिना देरी के लागू करें. इन प्रावधानों में ‘‘तत्काल युद्ध विराम, बंधको की रिहाई, फलस्तीनी कैदियों की अदला-बदली, मारे गए बंधकों के अवशेषों की वापसी, उत्तरी क्षेत्र समेत गाजा के सभी क्षेत्रों में फिलिस्तीनी नागरिकों की उनके घरों और इलाकों में वापसी और गाजा से इजरायली सैना की पूरी तरह वापसी’’ शामिल हैं. इसके अलावा, इस प्रस्ताव में गाजा पट्टी में लोगों के लिए बुनियादी सेवाओं और मानवीय सहायता तक तत्काल पहुंच प्रदान करने की भी मांग की गई है.
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