UNSC Meeting: साल 2024 की आखिरी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में ईरान को यमन में हूतियों की मदद करने के लिए चेतावनी दी गई है. इस बैठक का अनुरोध इजरायल कि ओर से किया गया था, ताकि देश पर हूती विद्रोहियों के हमलों पर चर्चा की जा सके. इजरायल के UN में राजदूत डैनी डैनन ने ईरान समर्थित आतंकवादियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे अपने मिसाइल हमले बंद करें या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें.
हूतियों को दी वार्निंग
डैनी डैनन ने कहा कि यह कोई चेतावनी नहीं है, यह एक वादा है, हूती विद्रोहियों का भी वही बुरा हश्र होगा जो हमास और हिजबुल्लाह का हुआ है. अमेरिका, इजरायल और ब्रिटेन की बमबारी के बाद भी हूती विद्रोही इजरायल और लाल सागर में हमले कर रहे हैं.
UN में ईरान को फटकार
अन्य प्रमुख सदस्य देशों के अनुसार इजरायल और यमन के बीच झड़पें इजरायल के खिलाफ ईरान की कार्रवाइयों का प्रत्यक्ष परिणाम हैं. सदस्य देशों ने ईरान से हूती हमले रोकने का आग्रह किया. अमेरिकी राजदूत डोरोथी शिया ने काउंसिल को बताया कि हम सभी स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि ईरान की ओर से हूती विद्रोहियों को इजरायल पर लंबी दूरी के और घातक हमले करने में पूरी तरह सक्षम बनाया गया है, जिसमें नागरिक बुनियादी ढांचा भी शामिल है.
शिया ने कहा कि ईरान का हूतियों को हथियार देना यूएन द्वारा समूह पर लगाए गए हथियार प्रतिबंध का उल्लंघन है. उप अमेरिकी प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र से हथियारों पर अपने सत्यापन और निरीक्षण तंत्र को मजबूत करने के लिए कहा, ताकि किसी भी तरह से अवैध तस्करी न हो पाए.
रूस और जापान ने उठाया फिलिस्तीन का मुद्दा
UNSC में रूस ने भी हूती हमलों की निंदा की. साथ ही ये भी कहा कि गाजा में इजरायल की कार्रवाई संघर्ष का मूल वजह है. यूएन रूस के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंज़्या ने कहा कि हमें व्यापक संदर्भ को अनदेखा नहीं करना चाहिए, क्योंकि आज संघर्ष के कई केंद्र फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई से भड़के हुए हैं.
जापान के प्रतिनिधि ने भी संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनियों का मुद्दा उठाया. जापान ने जोर देते हुए कहा कि हूती विद्रोहियों की कार्रवाई उनके उद्देश्य में कोई मदद नहीं करती है और ईरान से हमलों को रोकने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आग्रह किया.
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