UNSC: संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर भारत के राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विस्तार करने की मांग दोहराई है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि सुरक्षा परिषद में बदलाव की रफ्तार बेहद धीमी है, जिससे भारत बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि कई ऐसे देश हैं, जो चाहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यथास्थिति बरकरार रहे, खासकर भारत के पड़ोसी देश. वो भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने से रोकने के लिए कुछ भी कीमत चुकाने को तैयार हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने मानवीय क्षेत्र में अच्छा काम किया, लेकिन…
हालांकि, भारतीय राजदूत के इस बयान को पाकिस्तान और चीन पर निशाना माना जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि ‘संयुक्त राष्ट्र अच्छा काम कर रहा है, खासकर मानवीय मदद के क्षेत्र में. संयुक्त राष्ट्र ने बच्चों के स्वास्थ्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य और श्रम क्षेत्र में शानदार काम किया है, लेकिन एक आम आदमी का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र का काम मानवीय मदद करने से अधिक वैश्विक संघर्षों को रोकना है. वह इसी पैमाने पर संयुक्त राष्ट्र के काम को तोलता है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव होने चाहिए.
पड़ोसी देश कर रहे विरोध
भारत के राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि ‘सुरक्षा परिषद में बदलाव और विस्तार जरूरी है, लेकिन कई देश यथास्थिति बरकरार रखना चाहते हैं. वहीं, जिनके पास स्थायी सदस्यता है, वो छोड़ने को तैयार नहीं हैं और न ही वीटो पावर छोड़ने के लिए सहमत हैं. उन्होंने कहा कि कुछ देशों को लगता है कि उनके पड़ोसी देश को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट मिल सकती है तो वो किसी भी कीमत पर इसे रोकने की कोशिश करते हैं.
आसान नहीं सुरक्षा परिषद में बदलाव करना
बता दें कि पाकिस्तान द्वारा भारत और जी4 देशों ब्राजील, जर्मनी और जापान की सदस्यता का विरोध किया जा रहा है. वहीं, सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका भारत को परिषद में स्थायी सीट देने के लिए तैयार हैं. हालांकि भारतीय राजदूत ने कहा कि सुरक्षा परिषद में बदलाव आसान नहीं है और इसमें लंबा समय लग सकता है, लेकिन यह एक न एक दिन जरूर होगा.
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