हूतियों के खिलाफ कार्रवाई में अमेरिका को मिला इस देश का साथ, ड्रोन कारखाने को उड़ाया

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

US Airstrike: इजरायल और हमास के बीच छिड़े जंग के बाद लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले बढ़ गए थे. अब अमेरिका में यमन में हुती विद्रोहियों पर जमकर हमला बोल रहा है. इस कार्रवाई में अब अमेरिका को ब्रिटेन का साथ मिल गया है. ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) ने अमेरिका के साथ मिलकर हूतियों के ठिकाने पर हमला किया है.

दोनों देशों के लड़ाकू विमानोंने हूतियों के ड्रोन कारखाने को निशाना बनाया. ऐसा पहली बार है जब अमेरिका ने नए अभियान ऑपरेशन रफ राइडर में ब्रिटेन की सेना ने सक्रिय भागीदारी की है. यह अभियान 15 मार्च से ही जारी है. इसके तहत अब तक 800 से अधिक हवाई हमले किए जा चुके हैं. बुधवार को अधिकारियों ने इन हमलों के बारे में जानकारी दी है.

इस वजह से रात में किया गया हमला

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह हमला यमन की राजधानी सना के दक्षिण में स्थित इमारतों पर किया गया, जहां हूतिये ड्रोन तैयार करते थे. इन ड्रोन का इस्तेमाल लाल सागर और अदन की खाड़ी में हवाई हमला करने के लिए होता था. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि हमला रात के अंधेरे में किया गया, ताकि आम नागरिकों की मौजूदगी की आशंका कम हो. हालांकि, ब्रिटेन ने अभी तक इस हमले में हुई क्षति या संभावित हताहतों की जानकारी साझा नहीं की है.

कौन हैं हूति विद्रोही?

हूती विद्रोही यमन के अल्पसंख्यक शिया समुदाय का एक हथियारबंद समूह है. इस समुदाय ने 1990 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए इस समूह का गठन किया था. इसका नाम संस्थापक हुसैन अल हूती के नाम पर पड़ा है. हूती विद्रोही खुद को ईरान समर्थक बता चुके हैं. हूतियों ने अमेरिका को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. यमन में हूती विद्रोहियों ने छह सप्ताह से भी कम समय के अंदर अमेरिका के 7 रीपर ड्रोन पर हमला कर उन्हें गिरा दिया है.

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